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भारत-भूटान बढ़ाएंगे रक्षा सहयोग

सेना प्रमुख मनोज पांडे ने भूटान की सीमा के नजदीक एवं डोकलाम पठार के आसपास चीन द्वारा अवसंरचना विकास किए जाने के बीच मंगलवार को रॉयल भूटान आर्मी के अभियान प्रमुख लेफ्टिनेंट बाटू त्सेरिंग से द्विपक्षीय सैन्य संबंधों को विस्तार देने के तरीकों पर चर्चा की।

अधिकारियों ने बताया कि दोनों सैन्य अधिकारियों की बातचीत के केंद्र में भारत-भूटान रक्षा सहयोग के विभिन्न पहलू थे और उन्होंने क्षेत्रीय सुरक्षा के संदर्भ में उत्पन्न परिस्थिति की भी समीक्षा की। उल्लेखनीय है कि पांडे की भूटान यात्रा के तीन महीने बाद लेफ्टिनेंट त्सेरिंग नई दिल्ली की यात्रा पर आए हैं।

सेना ने ट्वीट किया, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने रॉयल भूटान आर्मी के मुख्य परिचालन अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल बाटू त्सेरिंग का गर्मजोशी से स्वागत किया और दोनों सेनाओं के बीच रक्षा सहयोग मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की।

भूटानी कमांडर ने नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय युद्ध स्मारक जा कर, शहीद जवानों को श्रद्धांजलि भी अर्पित की। लेफ्टिनेंट जनरल त्सेरिंग को साउथ ब्लॉक के उद्यान में गारद सलामी भी दी गई। गौरतलब है कि डोकलाम पठार को भारत के लिए रणनीतिक रूप से अहम माना जाता है।

वर्ष 2017 में भारत-चीन-भूटान की सीमा पर स्थित डोकलाम में बीजिंग द्वारा सड़क निर्माण की कोशिश की गई थी, जिसकी वजह से भारतीय और चीनी सेना के बीच करीब 73 दिनों तक गतिरोध बना रहा था। भारत ने पुरजोर तरीके से सड़क निर्माण का विरोध करते हुए कहा कि यह सुरक्षा हितों को प्रभावित करेगा। दोनों देशों के बीच कई दौर की वार्ता के बाद गतिरोध समाप्त हुआ था।

 

पिछले साल अक्टूबर में भूटान और चीन ने अपने सीमा विवाद के हल के लिए बातचीत को गति देने के उद्देश्य से थ्री स्टेप रोडमैप पर हस्ताक्षर किए थे। भूटान की चीन के साथ 400 किमी से अधिक लंबी सीमा लगती है। दोनों देश विवाद के हल के लिए 24 दौर से अधिक बातचीत कर चुके हैं।

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