ज्योतिष

13 नवंबर से सावधान रहें ये 4 राशि वाले लोग, वक्री मंगल करेंगे अमंगल

नई दिल्ली। ज्योतिष (Astrology) में मंगल ग्रह को सेनापति का दर्जा दिया गया है। मंगल जन्मकुंडली में तीसरे,छठे और दशम भाव के कारक भी माने गए है। मंगल को लग्न और अष्टम भाव का आधिपत्य दिया गया है। व्यक्ति की ऊर्जा,साहस और पराक्रम का विचार मंगल से ही किया जाता है। तीसरे, छठे और ग्यारहवें भाव में मंगल देव जातक को करोड़पति (millionaire) भी बनाते हुए देखे गए है। मंगल ग्रह (Mars planet) भूमि के साथ-साथ इंजीनियरिंग (Engineering) का कारक भी कहा गया है। किसी भी व्यक्ति को भूमि और संपत्ति का सुख बिना मंगल की कृपा के नहीं मिलता है। मंगल देव 13 नवंबर को वक्री अवस्था में ही वृष राशि में प्रवेश कर रहे है। उनके इस गोचर से 4 राशियों को बेहद सावधान रहने की जरूरत है।

मेष राशि –
इस राशि के जातकों के लिए मंगल लग्न के साथ ही अष्टम भाव के स्वामी होते है। मंगल अपनी वक्री अवस्था में आपके दूसरे भाव यानी वाणी और कुटुंब भाव (family house) से गोचर करेंगे। मंगल की दृष्टि आपके पंचम, अष्टम और नवम भाव पर जा रही है। अष्टम भाव में आपके लिए शुक्र का गोचर (Venus transit) पहले से ही हो रहा है। इस गोचर काल में आपकी वाणी में कुछ कड़वापन आ सकता है। इस समय आपकी वाणी की कटुता से परिवार में कोई विवाद जन्म ले सकता है। आपको अचानक से कोई बड़ी धन हानि हो सकती है। स्त्री वर्ग पर धन खर्च होने के योग है। पढाई कर रहे जातकों को कुछ बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है। अपने प्रेमी से अनबन हो सकती है। पिता से मतभेद को टालना होगा।

मिथुन राशि-
इस राशि (this amount) के जातकों के लिए मंगल लाभ भाव और रोग ऋण शत्रु यानी 11वें और छठे भाव के स्वामी है। मंगल अपनी वक्री अवस्था में आपके बारहवें यानी व्यय भाव में गोचर करेंगे। मंगल की पूर्ण दृष्टि आपके तीसरे, छठे और सप्तम भाव पर होगी। मंगल की छठे भाव में विराजमान शुक्र पर भी पूर्ण दृष्टि होगी। इस समय आप अपने भाई के साथ किसी विवाद को जन्म दे सकते है। अत्यधिक साहस में अपने ही काम बिगाड़ लेंगे। यात्राओं से लाभ होगा लेकिन धन खर्च की संभावना है। अगर आप रक्त विकार या बीपी जैसी बीमारी से पीड़ित है तो सेहत का आपको ध्यान रखना होगा। आपको अपने जीवनसाथी की भावनाओं की भी कद्र करनी होगी। अपने प्रेमी से कोई विवाद नहीं करे। नए निवेश के लिए समय अनुकूल नहीं है।

तुला राशि-
इस राशि के जातकों के लिए मंगल प्रबल मारकेश का काम करते है। मंगल आपके सप्तम और द्वितीय भाव के स्वामी होकर अष्टम भाव में वक्री होकर प्रवेश करेंगे। मंगल की पूर्ण दृष्टि आपके ग्यारहवें, दूसरे और तीसरे भाव पर रहने वाली है। दूसरे भाव में विराजमान शुक्र पर भी मंगल की पूर्ण दृष्टि होगी। इस समय आप किसी स्त्री के कारण विवाद में पड़ सकते है। अचानक से कुछ अनिष्ट होने का भी योग दिखाई दे रहा है। इस समय आपको मानसिक तनाव भी झेलना पड़ सकता है। व्यापारी वर्ग को धन हानि सम्भव है। इस अवधि में कार्य स्थल पर अपने सहकर्मियों के साथ आपको नरमी से पेश आना होगा। बेवजह की यात्राओं को टालने में ही भलाई है। इस गोचर में आपको अपने मित्रों पर अधिक भरोसा नहीं करना है।

मकर राशि-
इस राशि के जातकों के लिए मंगल चौथे और ग्यारहवें भाव के स्वामी होते है और मंगल देव पंचम भाव में वक्री अवस्था में ही गोचर करेंगे। मंगल की पूर्ण दृष्टि अष्टम भाव, ग्यारहवें भाव और बारहवें भाव पर जा रही है। लाभ स्थान में विराजमान शुक्र पर मंगल की पूरी सप्तम दृष्टि है। इस समय आपको संतान पक्ष से कोई कष्ट संभव है। आप अपने संतान की सेहत को लेकर चिंतित रह सकते है। आपको इस समय अपने परिवार के साथ पिकनिक के लिए जाना चाहिए। प्रेमी जोड़े अनबन का शिकार हो सकते है इसलिए अपने प्रेमी की भावना को समझकर उसे स्नेह करना होगा। अविवाहित जातक किसी विपरीत लिंग के प्रति आकर्षण में आ सकते है। इस समय यौन सुख की इच्छा बढ़ी हुई रहेगी। वाहन चलाते समय सावधानी रखें। विदेशी भूमि से जुड़े व्यापारी वर्ग को लाभ में देरी होने के योग है इसलिए इस अवधि में धीरज बनाकर चलना होगा।

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