देश

नोटबंदी को 6 साल पूरे, जानें कितना आया कैश सिस्टम में बदलाव, कितनी लगी ब्लैक मनी पर लगाम

आज 8 नवंबर है और आज से 6 साल पहले यानि 2016 में देश ने नोटबंदी(Demonetisation) का सामना किया था। लेकिन आज ये सवाल आपके मन में होगा कि आखिर सरकार के इस फैसले से लोगों को कितना फायदा मिला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2016 में रात 8 बजे ऐसा फैसला सुनाया जिससे लोग दंग रह गए। ये फैसला एक आम आदमी के लिए काफी चुनौती लाने वाला था हुआ भी ऐसा ही घंटों बार बैंको के आगे नए कैश लेने की भारी भीड़ जमा हुई थी। हालांकि इस फैसले से जहां आम आदमी परेशानी से जूझा तो दूसरी तरफ ब्लैक मनी वालों पर भी बिजली गिरी। आज जानेंगे कि इस फैसले से कितना कुछ प्रभावित हुआ है।

मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार, जिस समय सिस्‍टम से 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोट को बाहर किया गया था, उस समय इनकी कुल भागीदारी 86 फीसदी थी। इससे पता चलता है कि सिस्‍टम में मौजूद इतनी भारी मात्रा में किसी नोट को बंद करने से कितना बड़ा असर पड़ सकता है। नोटबंदी के इतने साल बाद अर्थशास्त्रियों को लगता है कि यह फैसला काफी सख्‍त था और इससे महज 5 फीसदी ब्‍लैक मनी पर ही शिकंजा कसा जा सका है। बाकी का कालाधान सोने-चांदी और रियल एस्‍टेट के रूप में भरा पड़ा है।

रिजर्व बैंक के आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि सिस्‍टम से बाहर हुई 99 फीसदी नकदी वापस लौट चुकी है. नोटबंदी से कुल 15.41 लाख करोड़ की नकदी चलन से बाहर हुई थी और अब तक 15.31 लाख करोड़ वापस लौट चुकी है। हालांकि, यह पता करना काफी मुश्किल है कि कितना कालाधन खत्‍म हुआ, लेकिन फरवरी 2019 में वित्‍तमंत्री पीयूष गोयल ने संसद को बताया था कि छापेमारी और नोटबंदी से 1.3 लाख करोड़ की ब्‍लैकमनी को खत्‍म किया गया है। हालांकि, सरकार को उम्‍मीद थी कि करीब 3 से 4 लाख करोड़ के कालेधन पर लगाम कसी जा सकेगी।

नोटबंदी का दूसरा बड़ा मकसद नकली नोटों पर लगाम कसना था। हकीकत रिजर्व बैंक की एक रिपोर्ट से पता चलती है. 27 मई को जारी इस रिपोर्ट में आरबीआई ने बताया कि नकली नोटों की संख्‍या 10.7 फीसदी बढ़ गई है। इसमें 500 रुपये के नकली नोट में 101.93 फीसदी का उछाल आया है तो 2,000 के नकली नोट की संख्‍या 54 फीसदी बढ़ने की बात कही। इतना ही नहीं 10 रुपये के नकली नोट की संख्‍या 16.45 फीसदी और 20 रुपये के नकली नोट की संख्‍या 16.48 फीसदी बढ़ी है।

सम्बंधित समाचार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button