देश

बढ़ती अर्थव्यवस्था के बीच उपभोक्ताओं के मामले में भारत 29 देशों में सबसे आगे, नौकरी की संभावनाएं भी बढ़ी

नई दिल्ली। एक वैश्विक सर्वेक्षण के नतीजों की मानें तो भारतीय अर्थव्यवस्था जहां तेजी से विकास के पथ पर अग्रसर है। वहीं, देश में नौकरी की संभावनाओं में भी बढ़ोतरी हुई है। मई के महीने में भारत में उपभोक्ताओं के लिए बेहतर माहौल बना और भारत 29 देशों की सूची में उच्चतम राष्ट्रीय सूचकांक स्कोर के साथ अग्रणी रहा है।

एलएसईजी-इप्सोस ‘प्राइमरी कंज्यूमर सेंटीमेंट इंडेक्स’ के जारी सर्वेक्षण के नतीजों के अनुसार, भारत में ‘प्राथमिक उपभोक्ता भावना सूचकांक’ में समग्र सुधार देखा गया और इसमें +0.8 प्रतिशत अंक की बढ़त के साथ वृद्धि देखी गई।

देश में इस समय लोकसभा चुनाव चल रहे हैं, इस सबके बीच इप्सोस के मासिक सर्वेक्षण में शामिल सभी 29 देशों में भारत उच्चतम राष्ट्रीय सूचकांक स्कोर (67.8 प्रतिशत अंक) पर कायम है।

सर्वेक्षण में शामिल दुनिया के सभी 29 देशों के बाजार में भारत 67.8 प्रतिशत अंक के राष्ट्रीय सूचकांक स्कोर के साथ सबसे अधिक तेजी से बढ़ने वाला बाजार है। मई में उपभोक्ताओं के लिए अधिक बेहतर माहौल नजर आ रहा है, जो अर्थव्यवस्था के विकास और अधिक एफडीआई आकर्षित करने के लिए अच्छा संकेत है। ऐसे में इस सर्वेक्षण से प्राप्त निष्कर्षों से पता चला कि भारत की अर्थव्यवस्था के तेज गति से बढ़ने के साथ नौकरियों में भारी वृद्धि देखी जा रही है।

एनडीटीवी को दिए साक्षात्कार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि पिछले 10 साल में विभिन्न क्षेत्रों में करोड़ों नई नौकरियां पैदा हुई हैं। पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे (पीएलएफएस) के आंकड़ों का हवाला देते हुए पीएम मोदी ने कहा था कि देश में बेरोजगारी आधी हो गई है।

उन्होंने कहा था, “पीएलएफएस के अनुसार, छह वर्षों में 6 करोड़ से अधिक नई नौकरियां पैदा हुई हैं। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के अनुसार, पिछले 6 वर्षों में 6-7 लाख नई नौकरियां पंजीकृत हुई हैं।”

सामाजिक-आर्थिक मुद्दों को लेकर भारत के अग्रणी थिंक टैंक SKOCH ग्रुप के नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले 10 वर्षों में 5 करोड़ नौकरियां पैदा हुईं। सर्वेक्षण के अनुसार, भारतीय अर्थव्यवस्था काफी बेहतरीन प्रदर्शन कर रही है और यह काफी हद तक घरेलू खपत से परिभाषित होती है और ज्यादातर निवेश के लिए वैश्विक कंपनियां अब भारत की ओर देख रही हैं, क्योंकि देश एक “अत्यधिक विकासोन्मुख बाजार” है।

29 देशों में से, भारत (67.8) इंडोनेशिया (63.2) और मेक्सिको (61) ऐसे देश हैं, जिसका राष्ट्रीय सूचकांक स्कोर 60 या उससे अधिक है।

सम्बंधित समाचार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button