देश

वन संरक्षण के नारे लिखी तख्तियां लेकर कलेक्टोरेट पहुंचे घाघरला गांव के सैकड़ों आदिवासी

नेपानगर ।    वन परिक्षेत्र नेपानगर के जंगलों में मौजूद तीन सौ से ज्यादा अतिक्रमणकारियों द्वारा बेदर्दी से जंगल का सफाया किया जा रहा है। बीते कुछ माह में हजारों पेड़ काट चुके अतिक्रमणकारी अब आसपास बसे गांवों के लिए भी खतरा बन रहे हैं। जिसके चलते सोमवार को घाघरला गांव के सैकड़ों आदिवासी कलेक्टोरेट पहुंचे थे। उन्होंने अपर कलेक्टर शैलेंद्र सिंह सोलंकी को ज्ञापन सौंपकर कहा- साहब जंगल को कटने से बचा लो। अधिकांश ग्रामीणों की आय का स्रोत इन जंगलों में मिलने वाली वनोपज है। साथ ही क्षेत्र के हजारों पालतू पशुओं के लिए ये जंगल ही चारागाह हैं। यदि जंगल ही नहीं रहेंगे तो ग्रामीण और पशु दोनों के सामने जीवन निर्वाह का संकट खड़ा हो जाएगा। कलेक्टोरेट पहुंचे ग्रमीणों ने अपने हाथ में वन संरक्षण संबंधी नारे लिखी तख्तियां ले रखी थीं। इन नारों के माध्यम से भी उन्होंने वन और पेड़ों का महत्व बताने का प्रयास किया।

ग्रामीणों को दोहरा खतरा

उन्होंने बताया कि इन जंगलों में बड़ी संख्या में वन्यजीव और पक्षी भी निवास करते हैं। जंगल में चल रही पेड़ों की अंधाधुंध कटाई के कारण वन्यजीव गांवों का रुख कर रहे हैं। जिससे ग्रामीणों को घातक हथियारों से लैस अतिक्रमणकारियों के साथ ही खूंखार वन्यप्राणियों से भी जान का खतरा बढ़ गया है। आदिवासियों का नेतृत्व कर रहे रतनलाल ने तो यहां तक कहा कि अतिक्रमणकारियों के हौसले देखकर लग रहा है कि बुरहानपुर जिला नक्सलवाद की ओर बढ़ रहा है।

टास्क फोर्स गठन की मांग

ग्रामीणों ने अपर कलेक्टर से मांग की है कि जल्द ही टास्क फोर्स गठित कर अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। उन्होंने बताया कि वन विभाग जंगल को बचा पाने में समर्थ साबित हो रहा है। अतिक्रमणकारी कई बार वनकर्मियों और ग्रामीणों पर हमला कर जंगल से खदेड़ चुके हैं। इससे उनके हौसले और बुलंद हो गए हैं।

ड्रोन कैमरे से ली जंगल की तस्वीरें

अतिक्रमणकारियों द्वारा पूर्व में किए गए हमलों को देखते हुए वनकर्मी जंगल में जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। रविवार से उन्होंने ड्रोन कैमरे से जंगल की तस्वीरें लेनी शुरू की हैं। सोमवार को भी एसडीएम हेमलता सोलंकी, तहसीलदार प्रवीण ओहरिया, नायब तहसीलदार गोविंद सिंह राठौर, रेंजर पुष्पेंद्र जाधौन सहित अन्य कर्मचारी घाघरला पहुंचे थे। उन्होंने ड्रोन कैमरे से जंगल की स्थिति जानी। बताया गया है कि घाघरला पंचायत भवन में अतिरिक्त कक्ष बनाने की तैयारी है। यहां से लगातार ड्रोन के माध्यम से जंगल की निगरानी की जाएगी। इसके अलावा वन विभाग ने आसपास के जिलों से भी कर्मचारी बुलाए हैं। इनकी संवेदनशील क्षेत्रों में तैनाती की जाएगी।

सम्बंधित समाचार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button