सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले में अपना ऐतिहासिक फैसला सुना दिया। कोर्ट ने विवादित जगह को रामलला का बताया। साथ ही कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद निर्माण के लिए कहीं और 5 एकड़ जमीन दी जाए।
इस ऐतिहासिक फैसले के मद्देनजर अयोध्या के चप्पे-चप्पे की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। साथ ही पूरे उत्तर प्रदेश में धारा 144 लागू की गई है।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ आज साढ़े दस बजे फैसला सुनायेगी। संविधान पीठ ने 16 अक्टूबर को इस मामले की सुनवाई पूरी की थी।
संविधान पीठ के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर भी शामिल हैं।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने, अयोध्या में 2.77 एकड़ विवादित भूमि तीन पक्षकारों-सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला विराजमान- के बीच बराबर-बराबर बांटने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सितंबर, 2010 के फैसले के खिलाफ दायर अपीलों पर छह अगस्त से रोजाना 40 दिन तक सुनवाई की थी। इस दौरान विभन्न पक्षों ने अपनी अपनी दलीलें पेश की थीं।
संविधान पीठ द्वारा किसी भी दिन फैसला सुनाये जाने की संभावना को देखते हुये केन्द्र ने देश भर में सुरक्षा बंदोबस्त कड़े कर दिये थे। अयोध्या में भी सुरक्षा बंदोबस्त चाक चौबंद किये गये हैं ताकि किसी प्रकार की कोई अप्रिय घटना नहीं हो सके।
फैसले से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और तमाम धार्मिक संगठनों ने फैसले का सम्मान करने और शांति बनाए रखने की अपील की है।
अयोध्या पर फैसले से जुड़ा हर अपडेट जानें….
|