ज्योतिष

पांच दिसंबर को रखा जाएगा सोम प्रदोष व्रत, जानिए शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि

प्रत्येक माह के दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। प्रदोष व्रत भगवान भोलेनाथ को समर्पित है। मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 5 दिसंबर, दिन सोमवार को है। इस दिन सोम प्रदोष व्रत रखा जाएगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार महादेव को प्रसन्न करने और जल्द कृपा पाने के लिए प्रदोष व्रत रखना लाभकारी होता है। मान्यता है कि इस दिन जो व्यक्ति व्रत रखकर भगवान शिव की साधना करता है उसकी सभी विपदाओं को भोलेनाथ हर लेते हैं। शिव जी एकमात्र ऐसे देवता हैं, जिनकी पूजा देवी-देवता, असुर, ऋषि, दैत्य सभी करते हैं। भगवान शिव की सच्चे मन से भक्ति और आराधना करने पर मनोवांछित फल जरूर प्राप्त होता है। आइए जानते हैं मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष के प्रदोष व्रत का मुहूर्त, पूजा-विधि और महत्व।
सोम प्रदोष व्रत मुहूर्त 
पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 5 दिसंबर 2022 को सुबह 05 बजकर 57 मिनट पर शुरू होगी। वहीं इसका समापन अगले दिन 6 दिसंबर मंगलवार को सुबह 06 बजकर 47 मिनट पर होगा।
शिव पूजा का शुभ मुहूर्त 
5 दिसंबर को पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 33 मिनट से रात 8 बजकर 15 मिनट तक रहेगा।
पूजा विधि
सोम प्रदोष के दिन सुबह स्नान आदि से निवृत होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। तत्पश्चात एक चौकी रखें और उस पर भगवान शिव और माता पार्वती का चित्र या कोई मूर्ति स्थापित करें। फिर षोडशोपचार पूजन करें। संध्या के समय पुनः स्नान के बाद शुभ मुहूर्त में पूजन आरंभ करें। गाय के दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल आदि से शिवलिंग का अभिषेक करें। तत्पश्चात शिवलिंग पर श्वेत चंदन लगाकर बेलपत्र, मदार, पुष्प, भांग, आदि अर्पित करें। इसके बाद विधि पूर्वक पूजन और आरती करें।

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