अगर आप भी चाव से खाते हैं पत्ता गोभी तो हो जाएं सावधान, दे सकती है जिंदगी भर का दर्द
पत्ता गोभी की सब्जी कई लोगों को बहुत पसंद आती है। सब्जी के अलावा पत्ता गोभी फास्ट फूड जैसे मोमोस, चाउमीन और सलाद में भी इस्तेमाल की जाती है। लेकिन क्या आपको पता है कि बड़े चाव से खाए जाने वाली यह सब्जी आपको जिंदगी भर का दर्द भी दे सकती है। यहां तक की यह आपकी जान की भी दुश्मन बन सकती है। पत्ता गोभी से जुड़ी इसी तरह की कुछ बीमारियों और परेशानियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो यकीनन आपकी आंखें खोल देगी।
पत्ता गोभी में होते हैं टेपवर्म
बता दें कि कई बार पत्तागोभी में टेपवर्म आ जाते हैं जो गलती से लोग सब्जी के साथ निगल जाते हैं। ये टेपवर्म यानी फीताकृमि आंतों में विकसित होकर रक्त प्रवाह के साथ शरीर के अन्य हिस्सों में पहुंच जाते हैं। कई बार तो ये मस्तिष्क में भी पहुंच जाते हैं। पिछले कुछ सालों में इस तरह के कई मामले देखने में आए हैं। भारत में पिछले कुछ सालों में कुछ मरीज सिर में तेज दर्द की शिकायत के साथ हॉस्पिटल पहुंचे। कई मामलों में मरीज को मिर्गी की तरह दौरे भी पड़े। बहुत से रोगी अपनी जान से हाथ धो बैठे। दरअसल, रोगियों के दिमाग में ये टेपवर्म काफी संख्या में पहुंच चुके थे।
कभी न खाएं कच्ची पत्ता गोभी
टेपवर्म के संक्रमण के मामले पूरी दुनिया में पाए जाते हैं, लेकिन खाद्य पदार्थों के रखरखाव आदि के तरीकों में अंतर के कारण भारत में इसके संक्रमण के मामले कुछ ज्यादा ही पाए जाते हैं। फीताकृमि इंसान के शरीर में सब्जी, सलाद के रूप में पहुंचते हैं। ये बेहद सूक्ष्म होते हैं, जिसकी वजह ये इन्हें देखना मुश्किल होता है। ठीक से धोने के बाद भी कई बार ये पत्तागोभी के पत्तों के बीच में चिपके रह जाते हैं। ऐसी स्थिति में जब हम कच्ची पत्ता गोभी का सेवन करते हैं तो इसके हमारे शरीर में पहुंचने की आशंका सबसे अधिक रहती है। वहीं जब भोजन अधपका रह जाता है तो भी यह हमारे शरीर में पहुंच सकता है।
टेपवर्म ऐसे पहुंचते हैं सब्जियों में
फीताकृमि आमतौर पर जानवरों के मल में पाया जाता है। यह कई अलग-अलग कारणों से पानी के साथ जमीन में पहुंच जाता है। इसके बाद कच्ची सब्जियों के माध्यम से इस कीड़े के हमारे शरीर में पहुंचने की सबसे ज्यादा आशंका रहती है। इसके अलावा संक्रमित मिट्टी तथा जिस दूषित पानी में टेपवर्म के अंडे हों, उससे भी इसके संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। हालांकि टेपवर्म से हमारी आंतों को होने वाला संक्रमण ज्यादा घातक नहीं होता, लेकिन हमारे दिमाग पर इसके हमले के गंभीर परिणाम हो सकते हैं।