एमपी में बिजली बिलों में वृद्धि की तैयारी में कंपनिया, नियामक आयोग को भेजा प्रस्ताव..!
जबलपुर. मध्यप्रदेश में एक बार फिर उपभोक्ताओं को बिजली बिलों में बढ़ोत्तरी करने की तैयारी कंपनियों ने कर ली है. इस आशय का प्रस्ताव भी कंपनियों ने नियामक आयोग को भेजा है. वहीं दूसरी ओर बिलों में वृद्धि का विरोध करने सामाजिक संगठनों ने रणनीति बनाई है. आने वाले दिनों में विरोध स्वरुप जन आंदोलन किया जाएगा.
बताया गया है एमपी की बिजली कंपनियों द्वारा 1500 करोड़ रुपए का घाटा बताते हुए बिलों में 3.2 प्रतिशत वृद्धि करने का प्रस्ताव राज्य विद्युत नियामक आयोग को भेजा है. ऐसा माना जा रहा है कि बिलों में वृद्धि भी हो सकती है. जिसके विरोध स्वरुप सामाजिक संगठनों ने आंदोलन की रणनीति भी बनाई है. जिसके चलते तीन जनवरी को कलेक्ट्रेट के समक्ष एकजुट होकर प्रदर्शन कर कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा जाएगा. इसके बाद भी यदि बिजली बिलों में वृद्धि नहीं रोकी गई तो जन आंदोलन किया जाएगा. जबलपुर के सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ताओं का कहना है कि प्रदेश में कोरोना की नई लहर की आशंका के बीच बिजली के बिलों में वृद्धि करना उचित नहीं है.
उन्होने यह भी कहा कि आपदा प्रबंधन अधिनियम व विद्युत अधिनियम में राज्य सरकार को ये अधिकार है कि वो विद्युत नियामक आयोग को बिजली के दाम ना बढ़ाने की अनुशंसा कर सकती है. इसके बाद भी बिजली कंपनियों की टैरिफ याचिका पर सरकार व उनके मंत्री अभी तक कोई भी टिप्पणी नहीं कर रहे है. यदि बिजली के दामों में वृद्धि होती है तो आने वाले दिनों में उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा.