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Parliament Budget Session 2023: राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा- भारत को 2047 तक आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य

संसद का बजट सत्र आज मंगलवार से शुरू हो गया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पहली बार संसद के ज्वाइंट सेशन को संबोधित कर रही है। राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में कहा कि भारत में मजबूत इच्छाशक्ति वाली सरकार है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने  2047 तक देश को आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य रखते हुए कहा कि तब तक ऐसे राष्ट्र का निर्माण करना है जो अतीत के गौरव से जुड़ा हो और जिसमें आधुनिकता का हर स्वर्णिम अध्याय हो।

राष्ट्रपति ने यह बात आज बजट सत्र के पहले दिन ऐतिहासिक केंद्रीय कक्ष में संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए अपने पारंपरिक अभिभाषण में कही। उन्होंने कहा, ‘‘हमें ऐसा भारत बनाना है जो आत्मनिर्भर हो और जो अपने मानवीय दायित्वों को पूरा करने में समर्थ हो। ’’

उन्होंने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक से लेकर आतंकवाद पर कठोर प्रहार तक, एलएसी से एलओसी तक हर दुस्साहस का कड़े जवाब तक, धारा 370 को हटाने से लेकर तीन तलाक तक, मेरी सरकार की पहचान एक निर्णायक सरकार की रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें 2047 तक ऐसे राष्ट्र का निर्माण करना है जो अतीत के गौरव से जुड़ा हो और जिसमें आधुनिकता का हर स्वर्णिम अध्याय हो।’’

उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार के करीब नौ वर्षों के शासनकाल में भारत के लोगों ने कई सकारात्मक बदलाव पहली बार देखे हैं। उन्होंने कहा कि अमृत काल की 25 साल की अवधि आजादी का स्वर्णिम काल और विकसित भारत के निर्माण का समय है।

मुर्मू ने कहा कि आज सबसे बड़ा बदलाव यह हुआ है कि हर भारतीय का आत्मविश्वास शीर्ष पर है एवं भारत के प्रति विश्व का नजरिया बदला है।

राष्ट्रपति ने कहा कि जो भारत कभी अपनी समस्याओं के समाधान के लिए दूसरों पर निर्भर था, वही आज दुनिया की समस्याओं के समाधान का माध्यम बना है। जिन सुविधाओं के लिए देश की एक बड़ी आबादी ने दशकों तक इंतजार किया, वे इन 9 वर्षों में उसे मिली है।

राष्ट्रपति मुर्मू ने आगे कहा कि बीते वर्षों में भ्रष्टाचार मुक्त इकोसिस्टम बनाने की दिशा में बेनामी संपत्ति अधिनियम को नोटिफाई किया गया। आर्थिक अपराध कर फरार हुए अपराधियों की संपत्ति जब्त करने के लिए अधिनियम पारित किया गया। सरकारी कामों में पक्षपात और भ्रष्टाचार के चलन को भी खत्म करने के लिए प्रभावी सिस्टम बनाया गया है।

द्रौपदी मुर्मू ने ये भी कहा कि नॉर्थ ईस्ट और हमारे सीमावर्ती क्षेत्र, विकास की एक नई गति का अनुभव कर रहे हैं। नार्थ ईस्ट और जम्मू कश्मीर में तो दुर्गम परिस्थितियों के साथ-साथ अशांति और आतंकवाद भी विकास के सामने बहुत बड़ी चुनौती थी। सरकार ने स्थाई शांति के लिए अनेक सफल कदम उठाए हैं। पिछले कुछ दशकों से राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बहुत बड़ा खतरा बन चुकी वामपंथी हिंसा भी अब कुछ जिलों तक ही सीमित रह गई है।

राष्ट्रपति ने कहा कि सीमावर्ती गांवों तक बेहतर सुविधाएं पहुंचाने के लिए मेरी सरकार ने वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम पर काम शुरू किया है। राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से भी सीमावर्ती क्षेत्रों में अभूतपूर्व इंफ्रास्ट्रक्चर बीते सालों में तैयार किया गया है। इससे भी इन क्षेत्रों में विकास को गति मिल रही है।

यह भारत के वैश्विक रिश्तों का बेहतरीन दौर : राष्ट्रपति मुर्मू

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को कहा कि यह भारत के वैश्विक रिश्तों का बेहतरीन दौर है और ‘‘ हमने दुनिया के विभिन्न देशों के साथ अपने सहयोग और मित्रता को सशक्त किया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘एक तरफ हम इस वर्ष एससीओ (शंघाई सहयोग संगठन) की अध्यक्षता कर रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ हम क्वाड (भारत प्रशांत चतुष्कोणीय वार्ता) का सदस्य होने के नाते, भारत प्रशांत क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए काम कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि भारत ने अपने राष्ट्रीय हितों को सर्वोपरि रखते हुए अपनी भूमिका का विस्तार किया है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में भूकंप हो या फिर श्रीलंका का संकट, भारत सबसे पहले मानवीय सहायता लेकर पहुंचा।

राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘भारत को लेकर आज जो सद्भाव है उसका लाभ हमें अफगानिस्तान और यूक्रेन में पैदा हुए संकट के दौरान भी मिला। संकट में फंसे अपने नागरिकों को हम इन देशों से सुरक्षित वापस लेकर आए हैं। ’’ उन्होंने कहा कि इस दौरान भारत ने कई अन्य देशों के नागरिकों की मदद करके अपना मानवीय स्वरूप एक बार फिर दुनिया के सामने प्रस्तुत किया।

आतंकवाद के प्रति देश के रुख की चर्चा करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि भारत ने आतंकवाद को लेकर जो कड़ा रुख अपनाया है उसको भी आज दुनिया समझ रही है। ‘‘इसलिए आतंकवाद के विरुद्ध भारत की आवाज़ को हर मंच पर गंभीरता से सुना जा रहा है।’’

उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष अक्टूबर में भारत में पहली बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद आतंकवाद निरोधक समिति की एक विशेष बैठक आयोजित की गई। उन्होंने कहा कि इसमें भी भारत ने आतंकवाद के विरुद्ध अपनी भूमिका को स्पष्ट किया।

राष्ट्रपति ने कहा ‘‘साइबर सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं को भी मेरी सरकार गंभीरता से पूरे विश्व के सामने रख रही है।’’

उन्होंने कहा कि सरकार का साफ मानना है कि स्थाई शांति तभी संभव है, जब देश राजनीतिक और रणनीतिक रूप से सशक्त होंगे। ‘‘इसलिए अपनी सैन्य शक्ति के आधुनिकीकरण पर हम निरंतर बल दे रहे हैं।’’

राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान संसद के केंद्रीय कक्ष में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके मंत्रिमंडल के विभिन्न मंत्री, संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी, राज्यसभा में नेता सदन पीयूष गोयल और विभिन्न पार्टियों के नेता एवं सांसद मौजूद थे।

राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी एवं पार्टी के कुछ अन्य नेता श्रीनगर में खराब मौसम के कारण उड़ानों में विलंब के चलते राष्ट्रपति अभिभाषण शुरू होने के समय केंद्रीय कक्ष में नहीं पहुंच पाये।

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