हमारा शहर

झोलाछाप डॉक्टरों के मामले में कोर्ट सख्त, स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य से मांगा जवाब

झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ जनहित याचिका पर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में सुनवाई की गई। चीफ जस्टिस रवि विजय मलिमथ व जस्टिस विशाल मिश्रा की खंडपीठ ने स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव, संचालक स्वास्थ्य सेवाएं, नेशनल मेडिकल कमीशन नई दिल्ली, मप्र मेडिकल काउंसिल के रजिस्ट्रार के अलावा जबलपुर, भोपाल व छिंदवाड़ा के सीएमएचओ को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

आईएमए जबलपुर के अध्यक्ष डॉ. अमरेन्द्र पांडे की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल खरे व शिवेंद्र पांडे ने पक्ष रखा। उन्होंने बताया कि शहर के साथ प्रदेश भर में खास तौर पर ग्रामीण इलाकों में झोलाछाप डॉक्टर बिना डिग्री नर्सिंग होम्स और अस्पताल का संचालन कर रहे हैं। बिना वैधानिक डिग्री या लायसेंस के एलोपैथिक प्रैक्टिस कर रहे हैं। ऐसे डॉक्टरों की वजह से लोगों के स्वास्थ्य को बड़ा नुकसान हो सकता है।

याचिका में बताया गया कि राज्य शासन ऐसे मामलों में कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। ऐसे डॉक्टर्स नियम विरुद्ध तरीके से भ्रामक विज्ञापन के जरिए लोगों को अपने जाल में फंसाते हैं। सस्ते के चक्कर में लोग इनसे इलाज करवाने पहुंच जाते हैं और गलत दवाइयों का शिकार हो जाते हैं। कई लोगों को तो अपनी जान तक गंवानी पड़ती है। याचिका में मांग की गई है कि सरकार एक ऐसी बॉडी बनाए जो ऐसे डॉक्टरों की पहचान करे और उनके खिलाफ विधि अनुसार कार्रवाई करे।

और पढ़ें…

सम्बंधित समाचार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button