विशेष अदालत के जारी गिरफ्तारी वारंट को एमपी HC ने किया खारिज, याचिकाकर्ता को पेश होने के आदेश
जबलपुर में एमपी हाई कोर्ट ने चालान पेश करने के दौरान अभियुक्त की गैर मौजूदगी पर विशेष अदालत द्वारा जारी गिरफ्तारी वारंट को खारिज कर दिया। दरअसल, पुलिस ने पॉक्सो और छेड़छाड़ के मामले में स्पेशल कोर्ट में चालान पेश किया था। इस दौरान अभियुक्त की अनुपस्थिति के कारण न्यायालय द्वारा गिरफ्तारी वारंट जारी किए जाने के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी।
हाई कोर्ट के जस्टिस दिनेश कुमार पालीवाल ने मामले की सुनवाई के दौरान विशेष अदालत द्वारा जारी गिरफ्तारी वारंट को निरस्त कर दिया। साथ ही अभियुक्त को समन जारी करने के निर्देश दिए हैं। एकलपीठ ने याचिकाकर्ता को 27 फरवरी तक न्यायालय के समक्ष उपस्थित होने के आदेश जारी किए हैं।
रीवा निवासी पेशे से शिक्षक देवेंद्र कुमार तिवारी (56) की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। याचिका के मुताबिक, पॉक्सो और छेड़छाड़ के आरोप में पुलिस ने उसके खिलाफ 11 जनवरी को न्यायालय में चालान पेश किया था। चालान पेश होने के दौरान उपस्थित नहीं होने पर विशेष न्यायालय ने उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया। याचिकाकर्ता की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का हवाला देते हुए कहा गया कि उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए पहले समन या गैर जमानती वारंट न्यायालय को जारी करना था।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की तरफ से कहा गया कि वह न्यायालय के समक्ष उपस्थित होने को तैयार है। एकलपीठ ने सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला दिया। कहा कि समन और गैर जमानती वारंट जारी करने के बाद भी न्यायालय को ऐसा लगता है कि अभियुक्त जानबूझकर कार्रवाई से बच रहा है, तो गिरफ्तारी वारंट जारी करना चाहिए। एकलपीठ ने उक्त आदेश के साथ याचिका का निराकरण कर दिया।