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High Court : एफआइआर निरस्त करना है या नहीं, यह सक्षम अदालत तय करेगी

 जबलपुर । हाई कोर्ट ने एक आपराधिक प्रकरण में महत्वपूर्ण टिप्पणी करते हुए साफ किया कि एफआइआर निरस्त करना है या नहीं, यह सक्षम अदालत तय करेगी। न्यायमूर्ति मनिंदर सिंह भट्टी की एकलपीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता फारेस्ट रेंज आफिसर पर जो आरोप लगे हैं, उनकी जांच जरूरी है। इसलिए इस स्तर पर एफआइआर पर हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को यह स्वतंत्रता दी कि वह आरोपों के संबंध में विधिवत रूप से सक्षम कोर्ट में आवेदन पेश कर सकता है। इस टिप्पणी के साथ कोर्ट ने याचिका का निराकरण कर दिया।

डिंडोरी के समनापुर में फारेस्ट रेंज आफीसर के पद पर पदस्थ मयंक पांडे ने याचिका दायर कर उसके अधीनस्थ द्वारा दर्ज एफआइआर को चुनौती दी थी। फारेस्ट गार्ड गंगाराम मरावी ने याचिकाकर्ता के खिलाफ जातिगत अपमान और धमकी देने का आरोप लगाते हुए एफआइआर दर्ज कराई थी।

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