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अमृतपाल के मामले पर केंद्रीय गृह मंत्रालय की पैनी नजर

‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख सिख कट्टरपंथी अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार करने के लिए रविवार को दूसरे दिन भी पंजाब पुलिस द्वारा बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।

जानकारी मुताबिक पूरे मामले पर केंद्रीय गृह मंत्रालय पैनी नजर बनाए हुए है और केंद्रीय एजेंसियां पंजाब पुलिस के संपर्क में है। सूत्रों की मानें तो इसी महीने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और गृह मंत्री अमित शाह के बीच हुई मुलाकात में अमृतपाल सिंह पर शिकंजा कसने पर चर्चा हुई थी।

पंजाब में खालिस्तान समर्थक और ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के प्रमुख अमृतपाल की गिरफ्तारी के लिए पंजाब पुलिस लगातार कोशिश कर रही है। इसी कड़ी में अब तक कुल 78 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और तलाशी व छापे मारे जा रहे हैं। अमृतपाल के खिलाफ 3 केस दर्ज हैं, जिनमें से दो मामले अमृतसर जिले के अजनाला थाने में हैं। इस बड़ी कार्यवाही पर केंद्रीय गृह मंत्रालय भी पैनी नजर बनाए हुए है।

जानकारी के मुताबिक पंजाब की सुरक्षा व्यवस्था को चुनौती देने वाले अमृतपाल सिंह की घेराबंदी की तैयारी दो मार्च को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की दिल्ली में मुलाकात के बाद ही शुरू हो गई थी। दोनों नेताओं में करीब 40 मिनट तक बातचीत हुई थी। सूत्रों की मानें तो इस दौरान अमृतपाल सिंह की गतिविधियों पर भी चर्चा की गई थी। तभी से कयास लगाए जा रहे थे कि अमृतपाल सिंह पर शिकंजा कसा जा सकता है।

यही नहीं अमृतपाल पर इस पूरी कार्यवाही के ठीक पहले केंद्र सरकार ने पंजाब में अर्धसैनिक बलों की टुकड़ियां भी भेजी।

गौरतलब है कि अमृतपाल ने 23 फरवरी को अपने समर्थकों के साथ मिलकर अजनाला थाने पर हमला कर दिया था। इस केस में उस पर कार्रवाई नहीं होने के चलते पंजाब पुलिस की काफी आलोचना हो रही थी। वहीं केंद्रीय एजेंसियां भी लगातार पंजाब पुलिस और सरकार पर कार्यवाही के लिए दबाव बना रही थी।

यही वजह है कि अब अमृतपाल और उसके समर्थकों पर एक्शन लिया जा रहा है। गौरतलब है कि 23 फरवरी की घटना के बाद से ही अमृतपाल सिंह पूरे पंजाब में घूम-घूमकर भड़काऊ बयान दे रहा था। उसने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तक को धमकी दे दी थी।

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