मध्यप्रदेश में 4.0 तीव्रता का भूकंप, लोग घरों से बाहर निकले
ग्वालियर। मध्यप्रदेश के ग्वालियर में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। शुक्रवार को सुबह झटके लगने से लोग दहशत में आ गए। इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.0 बताई गई है। भूकंप का केंद्र ग्वालियर से 28 किलोमीटर दूर था।
सिस्मो जोन-3 में हैं मध्यप्रदेश के कई जिले
मध्यप्रदेश के भी कई जिले सिस्मो जोन-2 में आते हैं। इनमें इदौर, ग्वालियर, अशोकनगर, भोपाल, आगर मालवा, उज्जैन, उमरिया, कटनी, ग्वालियर, गुना श्योपुर, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, शिवपुरी, मुरैना, भिंड, बुरहानपुर, पन्ना, बड़वान,ी रीवा, रतलाम, देवास, सागर, शाजापुर, दतिया, नीमच, मंदसौर, विदिशा, राजगढ़, बालाघाट, बैतूल, छिंदवाड़ा, धार, रायसेन और दमोह जिले शामिल हैं।
भूगर्भीय हलचलों के अध्ययनकर्ताओं के अनुसार भोपाल की सीमा पर से सिस्मो लाइन गुजरी है। इसके कारण भोपाल और सीहोर जोन-2 में आते हैं, तो नर्मदापुरम और रायसेन जोन-3 में हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार भूकंप संवेदनशीलता के अनुसार प्रदेश के दो सिस्मो जोन हैं। नर्मदा घाटी की पट्टी से लगे इलाके अधिक संवेदनशील जोन-3 में है, जबकि भोपाल सहित प्रदेश के अन्य हिस्से सबसे कम संवेदनशील जोन-2 में हैं।
पिछले माह 23 फरवरी को भी आया था भूकंप
तीन दिन पहले मंगलवार रात को भी मध्यप्रदेश सहित कई राज्यों में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। जबकि पिछले माह 23 फरवरी 2023 को भी मध्यप्रदेश के धार, बड़वानी और अलीराजपुर क्षेत्र में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। एकाएक धरती के हिलने से लोग दहशत में आ गए और अपने अपने घरों से बाहर निकल आए। भूकंप का केन्द्र बिंदू जमीन से 10 किमी. नीचे था। अब तक किसी भी प्रकार के नुकसान की सूचना नहीं मिली है। लोगों ने अपने घरों में चीजों को हिलते हुए देखा तो उन्हें पता चला कि ये भूकंप के झटके हैं। इसके बाद लोग अपने घरों से बाहर आ गए। कुछ देर के लिए लोगों के बीच दहशत देखी गई। बाद में जब किसी भी तरह का नुकसान नहीं हुआ तो लोगों ने राहत की सांस ली।
बता दें कि इससे पहले पिछले साल एक नवंबर को जबलपुर समेत छह जिलों में भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए थे। तब भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.3 मापी गई थी। तब भूकंप का केंद्र जबलपुर से 35 किमी दूर और डिंडौरी से 10 किमी दूर दर्ज किया गया था। भूकंप का हाइपो सेंटर 10 किमी की गहराई में मिला था।