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MP में नर्सिंग परीक्षा पर लगी रोक रहेगी बरकरार: कोर्ट ने कहा- लॉलीपॉप देने की ना करें कोशिश, राजनीतिक संरक्षण में कॉलेज समाज में घोल रहे जहर

ग्वालियर। मध्य प्रदेश में नर्सिंग परीक्षाओं से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है।हाईकोर्ट की ग्वालियर पीठ ने एक बार फिर नर्सिंग परीक्षा पर लगी रोक हटाने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने मध्य प्रदेश नर्सेज रजिस्ट्रेशन काउंसिल और निजी कॉलेज संचालकों की कार्यप्रणाली पर कड़ी नाराजगी जताई। कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि राजनीतिक संरक्षण प्राप्त कॉलेज समाज में जहर घोल रहे हैं। ऐसे लोगों को परीक्षा में बैठने की अनुमति दे दी गई जो नर्सिंग का एन(N) भी नहीं जानते।

बता दें कि शासन की ओर से महाधिवक्ता प्रशांत सिंह ने छात्रों को राहत प्रदान करने की न्यायालय से गुहार लगाते हुए कहा कि छात्रों के भविष्य को देखते हुए उन्हें अभी परीक्षा में शामिल होने दिया जाए। न्यायालय के अंतिम फैसले और जांच रिपोर्ट के आधार पर यदि भविष्य में कॉलेज दोषी पाए जाते हैं तो छात्रों की परीक्षा को शून्य घोषित कर दिया जाए।वहीं इधर टिप्पणी करते हुए न्यायालय ने कहा कि लॉलीपॉप देने की कोशिश नहीं करें। बहुत बार देखा गया है कि न्यायालय शुरुआत में जो राहत दे देता है, बाद में जब सारी प्रक्रिया पूरी हो जाती है तो फिर न्यायालय के सामने गुहार लगाई जाती है कि मामले को अब खत्म ही कर दिया जाए।

 

हाईकोर्ट मे आज सीबीआई से भी न्यायालय ने जवाब तलब किया है। इस दौरान सीबीआई ने न्यायालय को बताया कि अभी तक जांच में लिए गए 375 कॉलेजों में से 24 कॉलेजों की जांच  पूरी कर ली गई है। जांच पूरी किये गए कॉलेजों में 15 कॉलेज भोपाल और 9 कॉलेज ग्वालियर के शामिल है। बता दें कि ऐसे 375 नर्सिंग कॉलेज है जिनकी परीक्षाओं पर रोक लगी है।याचिकाकर्ता की दलील पर एमपी स्टेट नर्सिंग काउंसिल को भी पक्षकार बनाने के लिए न्यायालय ने निर्देशित किया है। न्यायालय ने माना कि नर्सिंग कॉलेज को संबद्धता हासिल करने के लिए एमपी स्टेट नर्सिंग काउंसिल की मान्यता हासिल करना सबसे पहले जरूरी होता है। नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता से जुड़े सभी दस्तावेजों की जांच सबसे पहले एमपी स्टेट नर्सिंग काउंसिल को ही करनी होती है। एमपी स्टेट नर्सिंग काउंसिल द्वारा दी गई मान्यता के आधार पर ही मेडिकल यूनिवर्सिटी कॉलेजों को मान्यता देती है।

न्यायालय ने जानकारी मांगी है कि मेडिकल यूनिवर्सिटी से जिन कॉलेजों को बिना इंफ्रास्ट्रक्चर और दस्तावेज के मान्यता दी गई है, क्या उन्हें एमपी स्टेट नर्सिंग काउंसिल से भी मान्यता मिल चुकी थी। वहीं न्यायालय के आदेश पर शुक्रवार को मामले की आगे की सुनवाई की जाएगी।
बता दें कि बीते 27 फरवरी को हाईकोर्ट ने नर्सिंग परीक्षाओं पर रोक लगाई थी। Bsc नर्सिंग, Bsc पोस्ट बेसिक, Msc नर्सिंग की परीक्षा पर कोर्ट ने रोक लगाई थी। मेडिकल यूनिवर्सिटी ने दो नोटिफिकेशन जारी कर सत्र  2019-21 के छात्रों को परीक्षा की अनुमति दी थी।

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