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पिता कैलाश जोशी का फोटो लेकर दीपक जोशी ने ली कांग्रेस की सदस्यता, शिवराज पर लगाया यह गंभीर आरोप

पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के बेटे और पूर्व मंत्री दीपक जोशी ने शनिवार को कांग्रेस की सदस्यता ले ली। कई दिनों से लग रही अटकलों को विराम देते हुए शुक्रवार को उन्होंने खुलकर कहा था कि वह कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं। उन्होंने अपनी पत्नी की पुण्यतिथि पर यह कदम उठाया। उन्होंने बड़ा आरोप भी लगाया कि पत्नी को कोरोना हुआ तो उसे अस्पताल में भर्ती करना था। उस समय सरकार के निर्देश थे कि दीपक जोशी जी जो बोले, वह नहीं सुनना है। मुझे एंबुलेंस नहीं दी गई। इस कारण मेरी पत्नी की मौत हो गई।

रैली के रूप में भोपाल पहुंचे दीपक ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के हाथों पार्टी की सदस्यता ली। इस दौरान उन्होंने पिता कैलाश जोशी की तस्वीर अपने साथ रखी। कमलनाथ ने उस तस्वीर पर सूत की बनी माला पहनाई। इस अवसर पर दीपक जोशी ने कहा कि मैं जनसंघ का दीपक हूं। 46 साल तक एक ही सीट से मेरे पिता चुनाव जीतते रहे। मेरे पिता ने कहा था कि कभी किसी को दुख दिए बिना राजनीति करना। मुझे पार्टी ने टिकट दिया। मैं पिछली बार चुनाव हार गया। मैंने किसी को कभी कोई दोष नही दिया। आज सरकार जनसंघ की विचारधारा पर नहीं चल रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि न खाऊंगा और न खाने दूंगा। यह लोगों ने उलटा सुन लिया। इन लोगों के घर पर बड़ी-बड़ी गाड़ियां हैं। शिवराज जी की संपत्ति साढ़े नो करोड़ रुपये हो गई।

शिवराज जी जीरो हैं, मैं हीरो हूं 
दीपक जोशी ने मुख्यमंत्री के खिलाफ जमकर गुस्सा निकाला। उन्होंने कहा कि शिवराज जी जीरो हैं और मैं हीरो हूं। जिस कॉलेज में वह पढ़ते थे, मैं उसी कॉलेज का अध्यक्ष था। जिस पिच पर शिवराज सिंह चौहान बल्लेबाजी करते हैं, उसी पर मैं भी बल्लेबाजी करता हूं। शिवराज भले ही मुझे अपना छोटा भाई माने, लेकिन मैं उन्हें अपना बड़ा भाई नहीं मानता हूं।

एक और विधायक पहुंचे कांग्रेस
भोपाल में बीजेपी के एक और पूर्व विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। सेवढ़ा से विधायक रहे राधेलाल बघेल ने कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ले ली है। बताते हैं कि पिछले साल भाजपा ने इन्हें पार्टीविरोधी गतिविधियों के चलते निकाल दिया था।

नाथ ने कहा- भाई का स्वागत, जोशी बोले- पदयात्रा निकालने को तैयार 
दीपक जोशी के कांग्रेस के शामिल करने का अवसर  बहुत भावुक था। कैलाश जोशी को राजनीति का संत कहा जाता था। उनकी इमानदारी के कसीदे पढ़े जाते थे। कमलनाथ ने इस अवसर पर कहा कि मैंने सरकार बचाने सौदा नहीं किया। मेरे पास एक विधायक आया कि मुझे पांच करोड़ रुपए मिले हैं। अभी 20 करोड़ और मिलेंगे। मैने कहा- मौज करो। मैं कुर्सी बचाने के लिए मध्यप्रदेश और जनता से सौदा नहीं कर सकता। दीपक जोशी जी ने टिकट नहीं मांगा है। इसका फैसला स्थानीय लोग करेंगे। दीपक जी से हमारी अपेक्षा है कि आप पूरे प्रदेश में संदेश दें। इस पर दीपक बोले कि आप बोलेंगे तो मैं पदयात्रा कर लूंगा। कमलनाथ ने यह भी कहा कि आज का दिन कांग्रेस के लिए ही नहीं, बल्कि राजनीति के लिए ऐतिहासिक है। आज के समय में राजनीति में इमानदार रहना मुश्किल है। राजनीति अपनी जगह है। सामाजिक मूल्य अपनी जगह है। मैं अपने भाई का स्वागत करता हूं। हम राजनीति के संत कैलाश जोशी जी की विरासत का सम्मान करते हैं। एक व्यक्ति जिसने राजनीति को अपना जीवन समर्पित कर दिया, उसका परिवार आज कांग्रेस नहीं बल्कि सच्चाई के साथ खड़ा है।

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