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अमेरिका में ‘मोहब्बत की दुकान’ लगाएंगे राहुल गांधी, कांग्रेस ने जारी किया पोस्टर

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी 10 दिनों के लिए अमेरिका दौरे पर जाएंगे। 28 मई को वे अपनी अमेरिका की यात्रा शुरू करेंगे। इस दौरान वे तमाम कार्यक्रमों में शामिल होंगे। 30 मई को राहुल गांधी सांटा क्लारा में ‘मोहब्बत की दुकान’ खोलेंगे। इस कार्यक्रम के पोस्टर भी जारी कर दिए गए हैं, जिसमें लोगों से पहुंचने की अपील की गई है।

राहुल गांधी के कार्यक्रम का पोस्टर जारी

राहुल गांधी 30 मई को कैलिफोर्निया के सांटा क्लारा में मोहब्बत की दुकान लगाएंगे। राहुल गांधी के कार्यक्रम का नाम मोहब्बत की दुकान रखा गया है। इंडियन ओवरसीज कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी के कार्यक्रम का पोस्टर जारी किया गया है।

पोस्टर में लिखा है ‘मोहब्बत की दुकान’ इवेंट इन बे एरिया। धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक भारत के लिए हाथ मिलाइये। इसके लिए रजिस्ट्रेशन भी शुरू हो गया है। पोस्टर में हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है।

मोहब्बत की दुकान खोलने का दिया था नारा

राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान मोहब्बत की दुकान खोलने का नारा दिया था। उन्होंने राजस्थान, जम्मू कश्मीर में यात्रा के दौरान कई मौकों पर इसे दोहराया। राहुल गांधी ने कर्नाटक में कांग्रेस की जीत के बाद कहा था कि, हमने प्‍यार और मोहब्‍बत से यह लड़ाई लड़ी। कर्नाटक की जनता ने हमें बताया, इस देश को मोहब्‍बत अच्‍छी लगती है। कर्नाटक में नफरत का बाजार बंद हुआ और मोहब्‍बत की दुकान खुली है। यह कर्नाटक की जीत है।

राहुल ने ब्रिटेन में कही थी ये बात

इसके पहले इसी साल मार्च में राहुल गांधी का लंदन दौरा काफी सुर्खियों में रहा था। कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में राहुल गांधी ने भारत सरकार की आलोचना और देश में लोकतंत्र पर खतरे का जिक्र किया था। जिसको लेकर वो विवादों में घिरे।

राहुल ने कहा था कि अगर यूरोप से तीन या 4 गुना बड़े देश में लोकतंत्र खत्म हो जाता है, तो आप क्या प्रतिक्रिया देंगे। राहुल ने कहा- असल में भारत में ऐसा हो चुका है, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रहा है। इसकी वजह यह है कि कारोबार और पैसे का मामला है। अमेरिका से आबादी में तीन से 4 गुना बड़े देश में लोकतंत्र समाप्त हो रहा है और इसकी रक्षा करने का दावा करने वाले अमेरिका और यूरोप चुपचाप देख रहे हैं। विपक्ष के तौर पर हम लड़ाई लड़ रहे हैं, लेकिन यह अकेले भारत की जंग नहीं है। यह पूरे लोकतंत्र का एक संघर्ष है।

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