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यहां नल से पानी की जगह निकल रहा ‘जहर’, रिपोर्ट के बाद मचा हड़कंप

फिरोजपुर में एक इथेनॉल संयंत्र (ethanol plant) के पास 29 बोरवेल से लिए गए पानी के नमूने पीने के लिए अनुपयुक्त पाए गए हैं. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इस पानी में एक अप्रिय गंध थी. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) को सौंपी गई रिपोर्ट के मुताबिक, पानी के नमूनों में कुल घुलित ठोस (TDS), बोरॉन और सल्फेट स्वीकार्य सीमा से अधिक मात्रा में पाए गए. इसमें कहा गया है कि संयंत्र के अंदर स्थित दो बोरवेल से लिए गए पानी के नमूनों में आर्सेनिक, क्रोमियम, लोहा, मैंगनीज, निकल और सीसे सहित भारी मात्रा में भारी धातुएं थीं.

नल से निकल रहा ‘जहर’

इस रिपोर्ट में साफ-साफ लिखा है कि प्लांट के आसपास के किसी भी गांव का पानी ‘जहरीला’ हो चुका है. इसके लगातार सेवन से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी भी हो सकती है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि इनमें से 12 बोरवेल के पानी के नमूनों में दुर्गंध और अन्य पांच के नमूनों में मटमैलापन या कालापन था.

किसानों ने किया था आंदोलन

इसी साल की शुरुआत में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann) ने ग्रामीणों द्वारा इकाई के खिलाफ आंदोलन के बाद संयंत्र को तत्काल बंद करने का आदेश दिया था. पिछले साल जुलाई से लेकर जनवरी तक किसान अपनी मांगो पर डटे थे. जिसके बाद सीएम ने ये आदेश जारी किया था.

सीपीसीबी की जांच टीम ने ये भी पाया कि प्लांट परिसर में 10 बोरवेल और छह पीजोमीटर कथित रूप से CGWB (केंद्रीय भूजल बोर्ड) या PWRDA (पंजाब जल विनियमन और विकास प्राधिकरण) की मंजूरी लिए बिना ही स्थापित किए गए थे. रिपोर्ट में कहा गया है कि इनमें से दो बोरवेल दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हुए कुछ ही मीटर की दूरी पर लगाए गए थे.  सीपीसीबी की टीम ने इन दोनों बोरवेल में दूषित जोन स्थापित करने और उपचारात्मक कार्रवाई करने के लिए जांच की सिफारिश की है.

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