रंगों का ग्रहों से होता है गहरा नाता, कैसे लाते हैं जीवन में सुख-सौभाग्य
जिस प्रकार किसी भी व्यक्ति की कुंडली के विपरीत ग्रहों की शांति के लिए रत्न का निर्धारण किया जाता है, ठीक उसी प्रकार ग्रहों के अपने रंग भी होते हैं. आयुर्वेदिक या अन्य पद्धतियों की दवाओं को अधिक प्रभावी तथा उपयोगी बनाने के लिए उन्हें किसी रंग विशेष की कांच की शीशी में रखा जाता है. प्रत्येक ग्रह का एक निश्चित रंग होता है. आपने लोगों को अक्सर खास रंग के कपड़े किसी खास दिन अथवा किसी अवसर विशेष पर धारण करते हुए देखा होगा, ऐसा इसलिए होता है क्योंकि रंग किसी खास स्थिति को प्रदर्शित करते हैं.
ग्रहों का राजा सूर्य अर्थात रवि है जिसका रंग सुनहरा, चंद्रमा का सफेद, मंगल का लाल, बुध का हरा, गुरु यानी बृहस्पति का पीला, शुक्र का चमकीला और अंतिम ग्रह शनि का रंग काला एवं नीला होता है. आइए अब जानते हैं कौन सा रंग किस गुण का प्रतीक है.
कौन सा रंग किस गुण का है प्रतीक
लाल रंग – लाल रंग उत्तेजना का सूचक है, कहते हैं किसी बिगड़ैल सांड को लाल रंग का कपड़ा दिखा तो वह और भी उत्तेजित हो जाता है.
पीला रंग – यह गुरु ग्रह का प्रतीक माना जाता है, यह प्रकाश, ज्योति और प्रसन्नता का सूचक है, यह रंग मन में बहार यानी प्रसन्नता और उमंग पैदा करता है.
काला रंग – काला रंग रहस्य मनन चिंतन और गहराई का प्रतीक है इस रंग को पसंद करने वाले लोग कम ही मिलते हैं
सफेद रंग – सफेद रंग शांति, पवित्रता, शुद्धता और विद्या का प्रतीक है. इससे मानसिक, बौद्धिक और नैतिक स्वच्छता प्रकट होती है.
नीला रंग – नीला और काला दोनों ही रंग शनि ग्रह के सूचक है. यह रंग मन की गहन स्थिति, बेचैनी, चिंता तथा अशांत मन का सूचक है. समुद्र और आसमान का रंग नीला है. इन रंगों को पसंद करने वाले लोग अधिक विचारणीय होते हैं.
हरा रंग – हरा रंग बुध ग्रह का सूचक है. जो लोग हरे रंग के वस्त्र पहनने के शौकीन होते हैं उनका मन हमेशा सदाबहार एवं प्रसन्न रहता है. इसके साथ ही उन व्यक्तियों का बुद्ध भी मजबूत होता है.