देश

भारत किसी दबाव, गलत विमर्श से प्रभावित नहीं होता: जयशंकर

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने उत्तरी सीमा की स्थिति और चीन की ‘बेल्ट एंड रोड’ पहल के खिलाफ देश के रुख का हवाला देते हुए कहा कि भारत किसी दबाव, झांसे और गलत विमर्श से प्रभावित नहीं होता।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली राजग सरकार के नौ साल पूरे होने पर जयशंकर ने संवाददाताओं से कहा कि भारत ने यह सुनिश्चित किया है कि सीमा पार आतंकवाद को अब जायज ना ठहराया जा सके।

विदेश मंत्री ने अपने संबोधन में दुनिया के महत्वपूर्ण देशों के साथ संबंधों, विभिन्न स्थितियों से निपटने सहित भारतीय विदेश नीति के विविध आयामों को रेखांकित किया।

उन्होंने कहा कि भारत आज वैश्विक परिदृश्य पर महत्वपूर्ण आर्थिक प्रभाव डाल रहा है, जिसे दुनिया ने भी स्वीकार किया है।

विदेश मंत्री ने कहा कि वर्ष 2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आने पर पड़ोसी देशों के नेताओं के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने से लेकर आज तक विदेश नीति को लेकर स्पष्टता रही है जो दुनिया को जानने, पड़ोस प्रथम सहित अन्य रूपों में सामने आई।

विदेश मंत्री ने कहा कि आज दुनिया का बड़ा हिस्सा भारत को एक विकास साझेदार के रूप में पहचानता है। उन्होंने साथ ही कहा कि ‘ग्लोबल साउथ’ भारत को एक विश्वसनीय भागीदार के तौर पर देखता है।

जयशंकर ने उत्तरी सीमा पर स्थिति और ‘बेल्ट एंड रोड’ पहल के खिलाफ देश के रुख का हवाला देते हुए कहा कि भारत किसी दबाव में नहीं आता।

विदेश मंत्री ने वैश्विक मंच पर भारत के योगदान की चर्चा करते हुए कहा कि आर्थिक क्षेत्र सहित विभिन्न क्षेत्रों में भारत ने महत्वपूर्ण योगदान दिया जिसमें कोविड रोधी टीके की आपूर्ति का अभियान ‘ऑपरेशन मैत्री’ भी शामिल है।

उन्होंने देशों को आर्थिक स्थिरता प्रदान करने में भारत के योगदान का उल्लेख करते हुए श्रीलंका के आर्थिक संकट का उदाहरण दिया।

उन्होंने विदेशों में रहने वाले भारतीयों के कल्याण का उल्लेख करते हुए कहा कि ‘‘हमने लगभग हर वर्ष किसी न किसी अभियान को संचालित किया ।’’

विदेश मंत्री ने इस संबंध में यूक्रेन युद्ध के दौरान भारतीय छात्रों को वापस लाने, सूडान और अफगानिस्तान से भारतीय नागरिकों को वापस लाने संबंधी अभियानों का जिक्र किया।

जयशंकर ने जलवायु परिवर्तन से निपटने में भारत की भूमिका तथा अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन जैसी पहल का भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि भारत एक ऐसे देश के रूप उभरा है जो वैश्विक भलाई के लिए काम करने के साथ ही अपने हितों, अपने देश के लोगों के कल्याण को प्राथमिकता देता है।

विदेश मंत्री ने कहा कि भारत के प्रति दुनिया के दृष्टिकोण में बदलाव घरेलू स्तर पर भारत में हुई प्रगति के कारण भी संभव हुआ है। उन्होंने बांग्लादेश के साथ भूमि सीमा समझौते का भी जिक्र किया।

भारतीय कूटनीति का उल्लेख करते हुए जयशंकर ने कहा कि हम अतीत की गिरफ्त से बाहर आ चुके हैं और दुनिया को देखने का हमारा नजरिया बदला है तथा विश्व अब हमसे जुड़ना चाहता है।

सम्बंधित समाचार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button