Chandrayaan-3 के बाद अब सूर्य के रहस्य से भी उठेगा पर्दा, ISRO 2 सितंबर को लॉन्च करेगा Aditya-L1
चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) की सफलता के बाद अब भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) सूर्य के रहस्य से भी पर्दा उठाने की तैयारी कर रहा है. इसी कड़ी में ISRO 2 सितंबर को Aditya-L1 को लॉन्च करेगा. ISRO की तरफ से सोमवार को इसकी जानकारी दी गई. ISRO की तरफ से Aditya-L1 को श्रीहरिकोटा (Sriharikota) से सुबह 11:50 बजे लॉन्च (Aditya-L1 Launch Time) किया जाएगा. मालूम हो कि हाल ही में ISRO की तरफ से सूरज पर स्टडी करने वाले सैटेलाइट की पहली तस्वीर भी जारी की गई थी.
अंतरिक्ष यान को सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के लैग्रेंज बिंदु 1 (L-1) के चारों ओर एक प्रभामंडल कक्षा (Halo Orbit) में रखे जाने की उम्मीद है जो पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर है. ‘लैग्रेंज बिंदु’ का आशय अंतरिक्ष में स्थित उन बिंदुओं से होता है, जहां दो अंतरिक्ष निकायों (जैसे सूर्य और पृथ्वी) के गुरुत्वाकर्षण बल के कारण आकर्षण और प्रतिकर्षण का क्षेत्र उत्पन्न होता है.
इसका नामकरण इतालवी-फ्रांसीसी गणितज्ञ जोसेफ-लुइस लैग्रेंज के नाम पर किया गया है. ISRO ने कहा कि एल-1 बिंदु के आसपास ‘हेलो’ कक्षा में रखे गए उपग्रह से सूर्य को बिना किसी छाया/ग्रहण के लगातार देखने फायदेमंद हो सकता है. ISRO ने कहा, ‘इससे वास्तविक समय में सौर गतिविधियों और अंतरिक्ष मौसम पर इसके प्रभाव को देखने का अधिक लाभ मिलेगा.’
क्या होगा फायदा?
अंतरिक्ष यान में 7 पेलोड हैं जो विद्युत चुम्बकीय और कण और चुंबकीय क्षेत्र डिटेक्टर का उपयोग करके फोटोस्फेयर (प्रकाशमंडल), क्रोमोस्फेयर (सूर्य की दिखाई देने वाली सतह से ठीक ऊपरी सतह) और सूर्य की सबसे बाहरी परत (कोरोना) का निरीक्षण करने में मदद करेंगे. विशेष सुविधाजनक बिंदु एल-1 का उपयोग करते हुए चार पेलोड सीधे सूर्य की ओर होंगे और शेष तीन पेलोड एल-1 पर कणों और क्षेत्रों का यथा स्थान अध्ययन करेंगे.