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अंडमान की ये धरती वो भूमि है, जिसके आसमान में पहली बार मुक्त तिरंगा फहरा था : प्रधानमंत्री मोदी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को पराक्रम दिवस के अवसर पर देश के महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस को श्रद्धांजलि देते हुए भारत के इतिहास में उनके अद्वितीय योगदान को याद किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के 21 सबसे बड़े अनाम द्वीपों का नामकरण 21 परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर करने हेतु आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप पर बनने वाले नेताजी को समर्पित राष्ट्रीय स्मारक के मॉडल का अनावरण किया।

पीएम मोदी ने कहा कि अंडमान की ये धरती वो भूमि है, जिसके आसमान में पहली बार मुक्त तिरंगा फहरा था। इस धरती पर पहली आजाद भारतीय सरकार का गठन हुआ था। इस सबके साथ अंडमान की इस धरती पर वीर सावरकर और उनके जैसे अनगिनत वीरों ने देश के लिए बलिदानों की पराकाष्ठा को छुआ था।
दशकों से नेताजी के जीवन से जुड़ी फाइलों को सार्वजानिक करने की मांग हो रही थी, यह काम भी देश ने पूरी श्रद्धा के साथ आगे बढ़ाया। आज हमारी लोकतांत्रिक संस्थाओं के सामने ‘कर्तव्य पथ’ पर नेताजी की भव्य प्रतिमा हमें हमारे कर्तव्यों की याद दिला रही है। जिन 21 द्वीपों को आज नया नाम मिला है, उनके इस नामकरण में भी गंभीर संदेश छिपे हैं। ये संदेश है -एक भारत, श्रेष्ठ भारत का संदेश, देश के लिए दिए गए बलिदान की अमरता का संदेश, और भारतीय सेना के अद्वितीय शौर्य और पराक्रम का संदेश है। हर मौके और हर मोर्चे पर हमारी सेनाओं ने अपने शौर्य को सिद्ध किया है। ये देश का कर्तव्य था कि राष्ट्र रक्षा के अभियानों में स्वयं समर्पित करने वाले जवानों को व्यापक स्तर पर पहचान दी जाए। आज जवानों और सेना के नाम से देश को पहचान दी जा रही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश में पहले की सरकारों ने और खास कर विकृत वैचारिक राजनीति के कारण दशकों से जो हीनभावना और आत्मविश्वास की कमी रही उसके कारण देश के सामर्थ्य को हमेशा कम आंका गया।

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