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ठंडा, गुनगुना या गर्म: जानिए सर्दियों में किस तरह का पानी पीने से क्या होता है?

सर्दियों में ठंड के कारण कई लोग पानी पीना कम कर देते हैं. इसका कारण यह है कि ठंड में प्यास कम लगती है. लेकिन, यह समझना जरूरी है कि सर्दियों में भी शरीर को पानी की उतनी ही जरूरत होती है जितनी गर्मियों में होती है. पानी की कमी सेहत के लिए कई तरह से नुकसान पहुंचा सकती है.

जब शरीर में पानी की कमी होती है तो सेल्स दिमाग को संकेत भेजती हैं, जिससे किडनी को खून से कम पानी निकालने का संदेश मिलता है. इसी कारण पेशाब कम, गाढ़ा और गहरे रंग का आता है. खून को फिल्टर करने के लिए किडनी को पर्याप्त तरल पदार्थों की जरूरत होती है. ऐसे में पानी की कमी शरीर में विषाक्त तत्वों को बढ़ा देती है, जिसका असर सभी अंगों की कार्यक्षमता पर पड़ता है और शरीर का इलेक्ट्रोलाइट संतुलन भी बिगड़ सकता है.

कमजोर इम्यूनिटी
संक्रमण का प्रमुख कारण जीवाणु या वायरस होते हैं. पर, पानी की कमी से शरीर की रोगों से लड़ने की इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है, जिससे गले व यूटीआई जैसे संक्रमण की चपेट में आने का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में गला खराब, खांसी व बुखार के लक्षण दिखाई देते हैं.

सर्दियों में किस तरह का पानी पीने से क्या होता है?

ठंडा पानी
सर्दियों में ठंडा पानी पीने से पाचन तंत्र को नुकसान पहुंच सकता है. ठंडा पानी जठराग्नि को मंद कर देता है, जिससे भोजन का पाचन सही से नहीं हो पाता है. इससे अपच, गैस, कब्ज, एसिडिटी जैसी समस्याएं हो सकती हैं. ठंडा पानी कफ दोष को भी बढ़ाता है. कफ दोष के कारण नाक, गला और फेफड़ों में बलगम जमा हो जाता है, जिससे सांस लेने में तकलीफ हो सकती है. ठंडे पानी से जुकाम, खांसी और गले में खराश जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं.

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