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रूस का 90 फीसदी सेटेलाइट लॉन्च ऑर्डर कैंसिल, क्या इसरो को बड़ा फायदा होगा! मगर क्यों?

नई दिल्ली. एक ताजा आंकड़े के मुताबिक 2022 में यूक्रेन पर हमला करने के बाद रूस ने यूरोपीय और अन्य देशों से सेटेलाइट लॉन्च के 90 फीसदी ऑर्डर गंवा दिए हैं. मॉस्को के इस घाटे की कीमत पर भारत के इसरो को बड़ा फायदा होने की रिपोर्ट है. रूस के अंतरिक्ष प्रोग्राम में यह गिरावट भारत के लिए दुनिया में अपनी अंतरिक्ष कार्यक्रम को एक बिजनेस के रूप में आगे बढ़ाने में एक वरदान के रूप में सामने आई है. यह घटना रूस के लिए भारी पड़ रही है. ‘यूरेशियन टाइम्स’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक दशकों से रूस अंतरिक्ष खोज और सेटेलाइट लॉन्च में एक प्रमुख ताकत के रूप में अमेरिका के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहा है.

ये हालात तब पूरी तरह से बदल गए जब जब लंबे समय से अपनी उपग्रह लॉन्च की जरूरतों के लिए रूस के सोयुज अंतरिक्ष यान पर निर्भर यूरोपीय देशों ने यूक्रेन पर हमले के बाद खुद को रूस से दूर करना शुरू कर दिया. ताजा आंकड़ों के मुताबिक 2021 में रूस ने ब्रिटेन और अन्य देशों के लिए 35 सैटेलाइट लॉन्च किए. हालांकि यूक्रेन तनाव के बाद यह संख्या 2022 में नाटकीय रूप से घटकर मात्र 2 रह गई और उसके बाद के 2023 में तीन रही. इसके अलावा, मॉस्को आर्थिक कठिनाइयों से जूझ रहा है. जो रूस की स्पेस एजेंसी रोस्कोस्मोस की आय में बड़ी गिरावट से पता चलती है. रोस्कोस्मोस आमदनी 2018 में 32.3 अरब रूबल (11.37 करोड़ डॉलर) से घटकर 2021 में मात्र 10.5 अरब रूबल रह गई.

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