ज्योतिष

रोज पूजा में भोग लगाने वाले भी कर बैठते हैं ये गलती, पड़ती है बहुत भारी!

हिंदू धर्म में हर देवी देवता का प्रिय भोग, प्रिय फूल, मंत्र आदि के बारे में बताया गया है. इसलिए रोज पूजा में इन बातों का ध्‍यान रखा जाता है. हर देवी-देवता की विधि-विधान से पूजा करना चाहिए, तभी पूजा का पूरा फल मिलता है. पूजा में भोग लगाना और उसके बाद प्रसाद बांटना भी पूजा का बेहद जरूरी अंग है. इसलिए घर के मंदिर में नियमित पूजा-पाठ में भोग जरूर लगाया जाता है. वहीं भोग लगाने में की गई गलती भगवान को नाराज भी कर सकती है इसलिए भोग से जुड़े इन नियमों के बारे में जान लेना बहुत जरूरी है.

जरूर जान लें भोग से जुड़ी ये अहम बातें 

भगवान का प्रिय भोग: रोज की पूजा-पाठ करते समय भी भगवान के प्रिय भोग का ध्‍यान रखें. जिस भी देवी-देवता की पूजा कर रहे हैं, उनका प्रिय भोग ही लगाएं. यदि रोजाना भोग की इतनी व्‍यवस्‍था कर पाना संभव ना हो तो मिश्री या मिठाई से भोग लगाएं.

भोग लगाने का पात्र: देवी-देवता को भोग लगाने के लिए सोना, चांदी, पीतल या फिर मिट्टी के बर्तन का इस्‍तेमाल करना चाहिए. एल्यूमिनियम, लोहे, स्टील, कांच के बर्तन में भगवान को भोग लगाने की गलती कभी ना करें.

सात्विक और पवित्र हो भोग: देवी-देवताओं को लगाए जाने वाले भोग का सात्विक और पवित्र होना बेहद जरूरी है. हमेशा स्‍नान करके, साफ कपड़े पहनकर, साफ-सुथरी जगह पर ही भोग बनाएं. भगवान के भोग में लहसुन-प्‍याज आदि तामसिक चीजों का इस्‍तेमाल कभी ना करें.

भोग को रखा ना छोड़ें: देवी-देवता को प्रसाद चढ़ाने या भोग लगाने के कुछ देर बाद भोग उठा लें और सभी लोगों में उसका प्रसाद बांट दें. पूजा समाप्त होने के बाद देर तक प्रसाद को मंदिर में रखा ना छोड़ें. ऐसा करने से भोग में नकारात्मकता आ जाती है.

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