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फिर सामने आया मासूम को गर्म सलाखों से दागने का मामला, Shahdol में तीन महीने की बच्ची को 24 बार दागा

शहडोलः मध्य प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य जिले शहडोल में मासूम बच्चों को गर्म सलाखों से दागने के मामले रुकने का नाम नहीं ले रहे। अंधविश्वास में बच्चों को गर्म सलाखों से दागकर इलाज करने की घटनाएं बढ़ती ही जा रही हैं। जिले के कठौतिया गांव में तीन महीने की बच्ची को 51 बार गर्म सलाखों से दागने के बाद मौत का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि एक और ऐसा ही मामला सामने आ गया। इस बार कठौतिया के पास ही सामतपुर गांव में तीन महीने की शुभी कोल को 24 बार गर्म सलाखों से दागा गया। बच्ची की हालत बिगड़ने पर परिजन उसे लेकर शहडोल मेडिकल कॉलेज पहुंचे। बाद में उसे निजी अस्पताल में भर्ती किया गया।

तीन महीने की शुभी कोल को सांस लेने में समस्या थी। पिता सूरज कोल और मां सोनू कोल गांव में ही झोलाछाप डॉक्टर से बच्ची का इलाज करवाते रहे, लेकिन हालत में सुधार नहीं आया। इसके बाद गांव की ही एक महिला ने गर्म सलाखों से बच्ची को दागा। इसके बाद भी बच्ची की हालत नहीं सुधरी तो परिजन उसे इलाज के लिए बुढार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे। बच्ची को वहां से शहडोल मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया।

बच्ची के शरीर में 24 बार गर्म सलाखों से दागने के दाग हैं। बच्ची की हालत लगातार बिगड़ती गई तो परिजन उसे मेडिकल कॉलेज से निजी अस्पताल में ले गए। फिलहाल उसका इलाज चल रहा है।

शहडोल जिले में इलाज के नाम पर मासूम बच्चों को दागने की कुप्रथा अब भी जारी है। आज भी गांवों में गर्म लोहे से दागा जाता है। इसके चलते पूर्व में कुछ बच्चो की मौत भी हो चुकी है। अंधविश्वास पर लगाम लगाने के लिए प्रशासन लगातार जागरूकता अभियान चला रहा है, लेकिन इसका असर दिखाई नहीं पड़ रहा।

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