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देश के कई इलाकों में बाढ़ से हाहाकार, केदारनाथ में भी कहर का यही था कारण

नई दिल्ली: 

Food In India: देशभर में इन दिनों मॉनसून अपने पूरे शबाब पर है. हालांकि हर वर्ष की तरह इस बार भी कई इलाकों में मूसलाधार बारिश ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी है. पहाड़ों से लेकर मैदानी इलाकों तक जोरदार वर्षा के चलते कई इलाकों में तो बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं. खास बात यह है कि मौसम का मिजाज 15 से ज्यादा राज्यों में लोगों को लिए आफत बन चुका है. हिमाचल प्रदेश से लेकर क्या राजस्थान, क्या उत्तर प्रदेश और क्या राजधानी दिल्ली. हर जगह जल जमाव की स्थिति ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है.

बाढ़ जैसे हालात लोगों के लिए किसी महामुश्किल की तरह सामने आएं. कोई अपना घर खो बैठा तो किसी ने अपनी आजीविका के साधन ही गंवा दिए हैं. देश के कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालातों की पीछे दो बड़ी वजह हैं. खास बात यह है कि इसी वजह से चारधामों में से एक केदारनाथ धाम में भी प्राकृतिक आपदा ने हर किसी को हिला कर रख दिया था. आइए जानते हैं कि बाढ़ जैसे हालातों के पीछे क्या दो बड़ी वजह.

इन दो वजहों ने देश के कई इलाकों में बनाए बाढ़ जैसे हालात

1. मॉनसूनी हवाएं
देशभर में दिनों मॉनसूनी हवाओं जाल बिछा हुआ है. पहाड़ों से लेकर मैदानी इलाकों तक हर जगह मॉनसून अपनी आदम दर्ज करा चुका है. यही नहीं कुछ इलाकों में तो स्थिति काफी बुरी हो चुकी है. कई घर तबाह हो गए तो कई जगहों सड़कों पर गर्दन तक पानी जमा हो गया है. एक्स्पर्ट्स की मानें तो इस स्थिति के पीछे मॉनसूनी हवाएं काफी हद तक जिम्मेदार हैं. इस बार कई राज्यों में बारिश ने बरसों की रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. मॉनसूनी हवाएं 22 से ज्यादा राज्यों में एक साथ चल रही हैं.

2. पश्चिमी विक्षोभ
आम तौर पर मौसम में बड़े बदलाव के पीछे पश्चिमी विक्षोभ ही जिम्मेदार होता है. फिर चाहे वो चक्रवाती तूफान हों या फिर तूफानी हवाएं. पश्चिमी विक्षोभ का सीधा असर हमारे मौसम के करवट बदलने में जिम्मेदार होता है. इस बार भी जो कई राज्यों में बाढ़ जैसे हालात बन रहे हैं जिसमें मॉनसूनी हवाएं चल रही हैं उसके लिए पश्चिमी विक्षोभ को काफी हद तक जिम्मेदार माना जा सकता है. बता दें कि जब केदारनाथ में बादल फटे थे उस दौरान भी पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होना ही बड़ी वजह रही थी.

राज्यों में रिकॉर्डतोड़ बारिश
कई राज्यों में इस वक्त मॉनसूनी बारिश ने रिकॉर्ड ब्रेक कर दिए हैं. कहीं आसमान से आफत बरस रही है तो कहीं सड़कों पर ही मुश्किलों ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली इन दिनों बारिश के बाद की स्थितियों से जूझ रही है. यहां बारिश ने एक दो नहीं बल्कि चार दशक पुराना रिकॉर्ड तोड़ा है. यहां महज 24 घंटे में पूरे मॉनसून की 20 फीसदी बारिश दर्ज की गई है. एक हफ्ते में राजधानी में 243.2 मिमी बारिश दर्ज की गई है.

वहीं राजस्थान से लेकर हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, चंडीगढ़ और मध्य प्रदेश के भी कई इलाकों में जोरदार बारिश को लेकर आने वाले तीन से चार दिन का अलर्ट भारतीय मौसम विज्ञान विभाग की ओर से जारी किया गया है.

उत्तर भारत के लिए अच्छी खबर
दूसरी तरफ उत्तर भारत के कई इलाकों में तीन दिन से हो रही बारिश ने पानी की कमी को पूरा करने का काम किया है. ये उत्तरभारतीयों के लिए एक अच्छी खबर मानी जा रही है. हालांकि समय रहते रेन मैनेजमेंट पर सरकार और प्रशासन काम कर ले तो ये बारिश वरदान की तरह साबित हो सकती है.

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