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CBSE का बड़ा फैसला, अब 22 भारतीय भाषाओं में उपलब्ध होंगी NCERT की किताबें, क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाई, सीएम शिवराज ने किया निर्णय का स्वागत

सीबीएसई यानि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने एक बड़ा फैसला लिया है, बोर्ड अब क्षेत्रीय भाषा में भी पढ़ाई करवाएगा, इसके लिए 22 भारतीय भाषाओं में एनसीईआरटी (NCERT) की किताबें उपलब्ध कराई जायेंगी। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीबीएसई के इस फैसले का स्वागत किया है, वहीं प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने छात्रों की तरफ से पीएम मोदी का आभार जताया है।

22 भाषाओं में उपलब्ध होंगी स्कूली पाठ्य पुस्तकें  

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने अब उसके यहाँ उपलब्ध पाठ्य सामग्री के अलावा क्षेत्रीय भाषा में  भी पढ़ाई कराने का फैसला किया है, बोर्ड के फैसले के मुताबिक क्षेत्रीय भाषा/मातृ भाषा में बच्चे के लिए शिक्षा अध्ययन आसान होगा, इसके लिए  22 भारतीय भाषाओं में किताबें उपलब्ध कराई जायेंगी इसके लिए NCERT को शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार ने निर्देश दिए गए हैं।

NCERT ने शुरू की तैयारी, अगले सत्र से शुरुआत संभव 

बोर्ड द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक NCERT ने इस पर कार्य शुरू कर दिया है और अगले शिक्षा सत्र से देश भर में CBSE बोर्ड से सम्बद्ध स्कूलों के लिए 22 क्षेत्रीय भारतीय भाषाओं की किताबें भी उपलब्ध होंगी, स्कूल अपने हिसाब से बच्चों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए भाषा का चयन कर सकते हैं। इसके लिए वे क्षेत्र के विशेषज्ञों से सलाह ले सकते हैं और अपने विद्यालय में बहुभाषा को वर्तमान उपलब्ध भाषा के पाठ्यक्रम के साथ एक विकल्प के रूप में बच्चों को उपलब्ध करा सकते हैं

 एमपी सीएम शिवराज सिंह ने CBSE के फैसले का स्वागत किया 

मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने फैसले का स्वागत करते हुए ट्वीट किया – सीबीएसई का अपने स्कूलों में प्री-प्राइमरी से 12वीं तक की कक्षाओं में क्षेत्रीय भाषाओं में शिक्षा उपलब्ध कराने का निर्णय अभिनंदनीय है। यह कदम न केवल आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में तैयार राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के उद्देश्यों को पूर्ण करेगा, बल्कि देश के बच्चों के उज्जवल भविष्य के निर्माण के प्रयासों को नई शक्ति देगा।

MP में हिंदी में भी हो रही है मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई   

सीएम शिवराज ने कहा हम सभी यह जानते हैं कि बच्चे अपनी भाषा में तेजी से सीखते और समझते हैं। आपको यह बताते हुए मुझे खुशी हो रही है कि मध्य प्रदेश में हमने मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी हिन्दी में करवाने की व्यवस्था की है, ताकि अंग्रेजी न जानने वाले मेरे बेटे-बेटियों की राह में भाषा कोई बाधा न बन पाये। मेरे बेटे-बेटियों तुम पढ़ो, आगे बढ़ो व अपने साथ प्रदेश और देश को आगे बढ़ाने में योगदान दो, शुभकामनाएं।

एमपी के शिक्षा मंत्री बोले – बहुभाषी शिक्षा की नींव और अधिक सुदृढ़ होगी

सीबीएसई के इस फैसले का एमपी के स्कुल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने स्वागत किया है, उन्होंने ट्वीट किया – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार ने कौशल आधारित नई शिक्षा नीति-2020 लागू कर भारत की शिक्षा व्यवस्था को विस्तार देने का कार्य किया है। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने 22 भारतीय भाषाओं में NCERT की किताबें उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने संबन्धित स्कूलों को पत्र लिखकर यह सर्कुलर जारी किया है कि बालवाटिक से कक्षा-12वीं तक के छात्रों को क्षेत्रीय और मातृभाषा में पढ़ाई करने का विकल्प भी उपलब्ध कराय जाये। इस अभिनव कदम से विद्यार्थियों को न सिर्फ अपनी मातृभाषा में पढ़ाई करने का अवसर मिलेगा बल्कि बहुभाषी शिक्षा की नींव भी और अधिक सुदृढ़ होगी।

गौरतलब है कि उच्च शिक्षा ने भारतीय भाषाओँ में किताबें तैयार करने, अंग्रेजी माध्यम के अतिरिक्त पढ़ाई शुरू करने और परीक्षा आयोजित कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, इसलिए स्कूली शिक्षा में इसके लिए नींव मजबूत करनी होगी। बोर्ड का मानना है कि दोनों स्तर पर बच्चे यदि अपनी क्षेत्रीय भाषा में शिक्षा प्राप्त करेंगे तो और बेहतर परिणाम आएंगे ।

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