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अतीक-अशरफ हत्याकांड पर BSP चीफ मायावती का सवाल- UP का ‘एनकाउंटर प्रदेश’ बन जाना कितना उचित?

लखनऊ: बीएसपी अध्यक्ष (BSP Chief) मायावती (Mayawati) ने प्रयागराज में माफिया व पूर्व सांसद अतीक अहमद (Atiq Ahmed Murder Case) और उसके भाई पूर्व विधायक अशरफ (Ashraf Murder Case) की हत्या पर रविवार को तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह घटना प्रदेश सरकार की कानून-व्यवस्था पर अनेक गम्भीर प्रश्नचिन्ह खड़े करती है तथा यह सोचने की बात है कि राज्य का ‘एनकाउंटर प्रदेश’ बन जाना कितना उचित है?

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने मामले में देश की शीर्ष अदालत से उचित कार्रवाई की मांग की है. इस बीच समाजवादी पार्टी के प्रमुख महासचिव रामगोपाल वर्मा ने अतीक के शेष बेटों की भी हत्या किए जाने की आशंका व्यक्त की है.

रविवार की सुबह बसपा प्रमुख मायावती ने ट्वीट कर कहा, गुजरात जेल से अतीक अहमद व बरेली जेल से लाए गए उनके भाई अशरफ की प्रयागराज में कल रात पुलिस हिरासत में ही खुलेआम गोली मारकर हुई हत्या, उमेश पाल जघन्य हत्याकांड की तरह ही, उत्तर प्रदेश सरकार की कानून-व्यवस्था व उसकी कार्यप्रणाली पर अनेक गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़े करती है.

मायावती ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, देश भर में चर्चित इस अति-गंभीर व अति-चिन्तनीय घटना का माननीय उच्चतम न्यायालय अगर स्वयं ही संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई करे तो बेहतर. उन्होंने कहा, वैसे भी उत्तर प्रदेश में ‘कानून द्वारा कानून के राज’ के बजाय, अब इसका एनकाउंटर प्रदेश बन जाना कितना उचित? सोचने की बात.

माफिया और पूर्व सांसद अतीक अहमद (60) और उनके भाई अशरफ की शनिवार रात को कुछ हमलावरों ने उस समय गोली मारकर हत्या कर दी जब पुलिस दोनों को प्रयागराज में एक मेडिकल कॉलेज लेकर जा रही थी.

वहीं, समाजवादी पार्टी के प्रमुख महासचिव प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने भी ट्विटर पर कहा कि मुख्यमंत्री जी का फरमान था कि मिट्टी में मिला देंगे और फिर पुलिस अभिरक्षा में हत्या की आशंका के चलते सुरक्षा की मांग को लेकर शीर्ष अदालत में याचिका दायर की गई, लेकिन कोई राहत नहीं मिली. उन्होंने दावा किया, फिर फर्जी मुठभेड़ और पुलिस के घेरे में सुनियोजित हत्याएं तो होनी ही हैं. कोई आश्चर्य नहीं कि अतीक के शेष बेटे भी मारे जाएं!”

अतीक के पांच बेटे हैं. झांसी में 13 अप्रैल को अहमद का बेटा असद और उसका एक साथी पुलिस मुठभेड़ में मारे गए थे. असद का शव शनिवार सुबह प्रयागराज में कसारी मसारी कब्रिस्तान में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच दफनाया गया था.

गौरतलब है कि वर्ष 2005 में तत्कालीन विधायक राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल की फरवरी माह में हुई हत्या के बाद विपक्ष के हंगामे और सवालों का जवाब देते हुए प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने विधानसभा में बजट सत्र के दौरान कहा था कि ”माफिया को मिट्टी में मिला देंगे.” अतीक अहमद और अशरफ को राजू पाल और उमेश पाल की हत्‍याओं में आरोपी बनाया गया था

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