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कोटा संभाग BJP कांग्रेस ने चुनाव में पुराने चेहरों पर लगाया दांव

कोटा।  राजस्थान में आगामी 25 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में कोटा संभाग की 17 विधानसभा सीटों में सत्तारुढ़ कांग्रेस एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अधिकतर पुराने चेहरों पर ही दांव खेला है।

संभाग में अब तक कांगेस ने 10 और भाजपा ने 14 सीटों पर अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर चुकी है और कोटा जिले में कांग्रेस ने सांगोद में तो भाजपा ने बारां-अटरू विधानसभा सीट पर नए चेहरे पर दांव खेला है जबकि अन्य सीटों पर दोनों राजनीतिक दलों ने पुराने उम्मीदवारों को ही मैदान में उतरा है।

कोटा जिले में अब तक कांग्रेस ने केवल सांगोद विधनासभा सीट पर ही अपने प्रत्याशी के नाम की घोषणा की है और यहां पार्टी ने अपना प्रत्याशी भी बदला है। वर्तमान में यहां से भरत सिंह कुंदनपुर कांग्रेस के विधायक हैं जिनके इस बार चुनाव लड़ने से इनकार करने के बाद पार्टी ने देहात कांग्रेस अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह नरूका को अपना प्रत्याशी बनाया है जो पहली बार इस विधानसभा सीट से अपना भाग्य आजमा रहे हैं।

भाजपा कोटा जिले में कोटा उत्तर और पीपल्दा को छोड़कर सभी सीटों पर अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर चुकी है और सभी चार सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने इस बार भी उन्हीं प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतारा है जो पिछली बार विधानसभा चुनाव में लड़े थे। इनमें कोटा दक्षिण से संदीप शर्मा, लाडपुरा से कल्पना देवी रामगंजमंडी से मदन दिलावर, सांगोद से हीरा लाल नागर को चुनाव मैदान में उतारा है।

इनमें से हीरालाल नागर को छोड़कर शेष तीनों अपने क्षेत्रों से भाजपा के निर्वाचित प्रतिनिधि है। कोटा दक्षिण से पिछली बार भी संदीप शर्मा ही भाजपा के विधायक चुने गए थे जिन्होंने कांग्रेस की श्रीमती राखी गौतम को चुनाव हराया।

कोटा उत्तर से अभी दोनों प्रमुख दलों के प्रत्याशियों के नाम तय होने बाकी हैं। लाडपुरा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा ने एक बार फ़िर श्रीमती कल्पना देवी को अपना प्रत्याशी बनाया है जो पिछले चुनाव में भी भाजपा के टिकट पर लड़कर चुनाव जीती थी जिन्होंने श्रीमती गुलनाज गुड्डू को हराया था। इसके पहले के दो चुनाव उनके पति नईमुद्दीन गुड्डू यहां से लड़कर हार चुके हैं। वर्ष 2018 के चुनाव से पहले लाडपुरा विधानसभा क्षेत्र में तीन बार लगातार वर्ष 2003 से भाजपा के भवानी सिंह राजावत चुने गए जिन्होंने पहली बार 2003 में कांग्रेस की पूनम गोयल को हराया तो लगातार दो बार कांग्रेस के नईमुद्दीन गुड्डू को चुनाव हराया था। पिछला चुनाव नईमुद्दीन गुड्डू की जगह कांग्रेस ने उनकी पत्नी गुलनाज गुड्डू को लड़ाया और वह भी चुनाव हार गई।

रामगंजमंडी विधानसभा सीट पर एक बार फिर से भाजपा ने मदन दिलावर को अपना प्रत्याशी बनाया है जो वर्तमान में भी यहा से विधायक हैं। पिछली बार उन्होंने 12 हजार 879 मतों से से चुनाव जीता था। यह सीट पिछले तीन चुनावों में लगातार भाजपा जीतते आ रही है। वर्ष 2008 और 2013 में यहां से श्रीमती चंद्रकांता मेघवाल भाजपा के टिकट पर चुनाव जीती रही है। पीपल्दा विधानसभा सीट पर वर्तमान में कांग्रेस के रामनारायण मीणा विधायक है लेकिन इस बार इस सीट पर न तो कांग्रेस ने और न ही भाजपा ने अपने प्रत्याशी के नाम की घोषणा की है। वैसे इस विधानसभा सीट पर वर्ष 1998 के बाद से ही एक बार कांग्रेस तो दूसरी बार भाजपा के प्रत्याशी के जीतने की स्थिति रही है।

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