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आर्म्स डीलर संजय भंडारी के भारत प्रत्यर्पण का रास्ता साफ, ब्रिटिश अदालत की हरी झंडी

नई दिल्ली: कर चोरी और हथियारों के एक सौदे में रिश्वत लेने के आरोपी आर्म्स डीलर संजय भंडारी को अब ब्रिटेन से प्रत्यर्पित कर भारत लाया जा सकेगा. वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट ने संजय भंडारी को भारत प्रत्यर्पित किए जाने के आदेश दे दिए हैं. इसके साथ ही मामले में आगे की कार्यवाही के लिए मामले को ब्रिटेन के शीर्ष अधिकारियों को प्रेषित कर दिया है. संजय भंडारी पर 1 जुलाई 2015 से लेकर 7 फरवरी 2017 के बीच भारतीय आयकर विभाग को जानबूझ कर धोखा देने का आरोप है. इसके अलावा संजय भंडारी पर हथियारों के एक सौदे में रिश्वत लेने का भी आरोप है. हालांकि संजय भंडारी ने ब्रिटेन की अदालत में कहा था कि कांग्रेस पार्टी से उसकी नजदीकी की वजह से केंद्र की मोदी सरकार लगातार उत्पीड़न कर रही है. संजय भंडारी को रॉबर्ट वाड्रा का नजदीकी भी बताया जाता है.

विदेशी संपत्ति और कमाई छिपाई
जानकारी के मुताबिक संजय भंडारी ने आयकर विभाग में दाखिल किए अपने दो रिटर्न में विदेशों में अपनी संपत्तियों और विदेशों से कमाई की जानकारी छिपाई. उस वक्त भारत का नागरिक होने के नाते संजय भंडारी पर अपनी वैश्विक संपत्तियों और आय पर आयकर की देनदारी बनती थी. यही नहीं, संजय भंडारी ने अपनी अघोषित संपत्ति और आय की जानकारी भी आयकर विभाग से साझा नहीं की. संजय पर आरोप है कि उसने निज लाभ के लिए और अपनी विदेशी संपत्ति और आय छिपाने के लिए बेईमानी करते हुए गलत तरीके से आयकर विभाग के सामने अपना पक्ष रखा.

 

पिलाटस हथियार सौदे में रिश्वत लेने का आरोप
संजय भंडारी पर पिलाटस हथियार सौदे में मध्यस्थता करने का भी आरोप है. आरोप है कि संजय भंडारी ने भारतीय वायुसेना के अधिकारियों और रक्षा मंत्रालय के कुछ अधिकारियों पर सौदे को करने के लिए रिश्वत दी. यह रिश्वत 2009 में स्विस एयरक्राफ्ट निर्माता कंपनी से 75 ट्रेनिंग विमान खरीदने के लिए दी गई थी. इसके एवज में पिलाटस एयरक्राफ्ट कंपनी ने 2,895 करोड़ का सौदा हासिल करने के लिए संजय भंडारी की दुबई स्थित कंपनी ऑफसेट इंडिया सॉल्यूशन के बैंक खातों में एक बड़ी रकम ट्रांसफर भी की थी.

 

सीबीआई और ईडी ने दर्ज किया मामला
संजय भंडारी के खिलाफ ऑफीशियल सीक्रेट एक्ट के तहत अक्टूबर 2016 में केस दर्ज हुआ था. यह केस संजय के घर पर आयकर विभाग की छापेमारी के दौरान रक्षा मंत्रालय से जुड़े गोपनीय दस्तावेजों के बरामद होने पर हुआ था. इसके बाद लुकआउट नोटिस जारी होने के बावजूद वह 2016 में भारत से फरार हो गया था. हालांकि 15 जुलाई 2020 को उसे लंदन में गिरफ्तार कर लिया गया और तभी से भारत सरकार उसके प्रत्यर्पण का प्रयास कर रही थी. संजय भंडारी को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा का करीबी भी बताया जाता हैं. हालांकि रॉबर्ट वाड्रा संजय भंडारी से किसी तरह का संबंध होने से इंकार कर चुके हैं.

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