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रामलला के दर्शन करेंगी द्रौपदी मुर्मू: सियासत गरमाई, संजय राउत बोले- चुनाव में माहौल बनाने के लिए राष्ट्रपति को अयोध्या भेजा गया

देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु आज बुधवार (1 मई) को अयोध्या के दौरे पर हैं। मुर्मू पहली बार अयोध्या आ रही हैं। राष्ट्रपति हनुमान गढ़ी मंदिर, रामलला मंदिर और कुबेर टीला में दर्शन और आरती करेंगी। वह सरयू पूजन और आरती भी करेंगी। करीब 4 घंटे के प्रवास के लिए राष्ट्रपति दोपहर 4 बजे महर्षि वाल्मीकि एयरपोर्ट पर उतरेंगी। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल उनका स्वागत करेंगी।

संजय राउत बोले- प्राण प्रतिष्ठा में क्यों नहीं बुलाया गया?
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अयोध्या दौरे को लेकर सियासत शुरू हो गई है। उद्धव ठाकरे गुट शिवसेना (UBT) के सांसद संजय राउत ने राष्ट्रपति के अयोध्या दौरे की टाइमिंग पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव है न, इसलिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अयोध्या भेजा गया है। जब प्रभु श्रीराम जी की प्राण प्रतिष्ठा हो रही थी, तब उन्हें वहां नहीं बुलाया गया था। तब उन्हें इन सबसे दूर रखा गया, लेकिन अब चुनाव है, इसलिए चुनाव में माहौल बनाने के लिए उन्हें वहां भेजा गया है।

राहुल गांधी ने भी साधा था निशाना
दो दिन पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने राम मंदिर उद्घाटन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की गैर मौजूदगी को लेकर सवाल उठाए थे। गुजरात की एक सभा राहुल गांधी ने कहा कि श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा आयोजन में भारत की राष्ट्रपति को आदिवासी होने के कारण आमंत्रित नहीं किया गया।

अनुराग ठाकुर बोले- राहुल गांधी का झूठ उजागर
राहुल गांधी के बयान पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी पलटवार किया। उन्होंने कहा कि जब द्रौपदी मुर्मू देश की राष्ट्रपति बनीं तो विपक्ष को यह पसंद नहीं आया। कांग्रेस चुनाव के दौरान झूठ फैलाने का काम करती रही है। जब यह स्पष्ट हो गया कि निमंत्रण वर्तमान और पूर्व राष्ट्रपतियों को भेजा गया था, तो राहुल गांधी का झूठ देश के सामने उजागर हो गया। अनुराग ठाकुर ने बुधवार को रामलला के दर्शन किए।

अनुराग ठाकुर ने रायबरेली और अमेठी से राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की उम्मीदवारी की अटकलों पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यह भ्रमित और भ्रष्ट पार्टी की स्थिति है। भ्रष्टाचार के कारण वे कभी चोला बदलते हैं, कभी खुद को बदलते हैं। खुद यूपीए से निकलकर भारतीय गठबंधन बन जाते हैं। कभी-कभी वे एक उम्मीदवार से दूसरे उम्मीदवार के पास चले जाते हैं, यह पार्टी के लिए असमंजस की स्थिति है।

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