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पुलिस शहीद स्मृति दिवस : कर्तव्य वेदी पर देश की पुलिस ने न्यौछावर किए प्राण: एडीजीपी

जबलपुर। देश की सरहद पर शहीद होने वाले जवानों के साथ-साथ पुलिस की वर्दी पहनकर मुस्तैद डयूटी एवं अपराधियों से लड़ते हुए जान न्यौछावर करने वाले शहीदों की बदौलत ही समाज खुली हवा में सांस ले पा रहा है। आज सुबह पुलिस शहीदी दिवस पर 6वीं प्रशिक्षण वाहिनी में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक/पुलिस महानिरीक्षक जबलपुर जोन उमेश जोगा ने यह बात कही है। कार्यक्रम में शहीद पुलिस जवानों को याद कर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए पुष्पाजंली अर्पित की गई।

1 सितम्बर 2020  से 31 अगस्त 2021 तक पूरे देश की सिविल पुलिस एवं पैरा मेलिट्री फोर्स के 264 एवं प्रदेश पुलिस के 16 अधिकारी/कर्मचारी ने राष्ट्र के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। शहीदी कार्यक्रम में सभी शहीद जवानों के नाम का वाचन किया गया। ‘पुलिस स्मृति दिवस’ पर शोक परेड का आयोजन किया गया, जिसमें विशेष सशस्त्र बल, मध्यप्रदेश रेलवे पुलिस बल, जिला पुलिस बल एवं होमगार्ड के एक-एक प्लाटून शामिल हुए।

इस मौके पर डीआईजी आरआरएस परिहार, कमांडेंट रुडोल्फ अल्वारेस, एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा,डिप्टी कमांडेंट अरूण कश्यप, संतोष डेहरिया, असिस्टेंट कमांडेंट यश बिजौरिया, इंस्पेक्टर सुबोध लोखण्डे सहित जिले के सभी डीएसपी एवं थाना प्रभारी और सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारियों सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एडीजी उमेश जोगा ने ड्यूटी दौरान शहीद हुए जवानों के साहस की तारीफ करते हुए श्रृद्धाजंलि अर्पित कर कहा कि पुलिस शहीदी दिवस इसलिए मनाया जाता है कि 21 अक्टूबर 1959 में लद्दाख क्षेत्र में पुलिस की एक चौकी ‘हॉट स्पिंग’ की टुकड़ी पर चीन के सैनिकों ने हमला कर दिया था। इस हमले में ‘हॉट स्प्रिंग’ की टुकड़ी शहीद हो गई थी।

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