देश

हमेशा बर्फ से ढंकी रहने वाली ग्रीनलैंड की मिट्टी से ऐसा क्या मिला कि वैज्ञानिक हो गए परेशान, जान लीजिए

कोपेनहेगन: ग्रीनलैंड की मिट्टी की जांच कर रहे वैज्ञानिकों को हैरान करने वाली जानकारी मिली है। इस मिट्टी को ग्रीनलैंड की विशाल बर्फ की चादर के नीचे से दशकों पहले निकाला गया था। इस जांच ने लंबे समय से चली आ रही धारणाओं को भी उलट दिया है, जो आने

वाले दशकों में हमारे ग्रह पर जीवन के लिए विनाशकारी प्रभाव डाल सकते हैं। वैज्ञानिकों का लंबे समय से मानना था कि ग्रीनलैंड लाखों वर्षों से बर्फ से ढका हुआ है। लेकिन, मिट्टी के नमूने से पता चला है कि यह द्वीप केवल 400000 साल पहले बर्फ से मुक्त था। तब इस

अवधि के दौरान पृथ्वी की जलवायु आज की तुलना में गर्म थी।

ग्रीनलैंड की बर्फ पिघली तो मचेगी तबाही

वैज्ञानिकों ने बताया कि इसका मतलब यह हो सकता है कि आने वाले वर्षों में ग्रीनलैंड की बहुत अधिक मोटी बर्फ की चादर पिघलने की उम्मीद की जा सकती है। यह पृथ्वी के लिए विनाशकारी परिदृश्य हो सकता है, जिसके बारे में वैज्ञानिकों का पहले से मानना था कि मानव

निर्मित जलवायु परिवर्तन के कारण इसकी इतनी जल्दी संभावना नहीं है। ग्रीनलैंड 660,000 वर्ग मील की बर्फ की चादर से ढका हुआ है, जिसकी औसर गहराई 0.9 मील है। इतनी बर्फ पिघलने पर वैश्विक समुद्र के स्तर को 23 फीट तक बढ़ा सकती है। हालांकि, ग्लोबल

वार्मिंग से भी समुद्र के स्तर को 4.6 फीट तक बढ़ाने के लिए पर्याप्त बर्फ पिघल सकती है।

रिसर्च  से परेशान हो गए वैज्ञानिक

वर्मोंट विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक और अध्ययन के प्रमुख लेखक पॉल बायरमैन ने बताया कि इसका निष्कर्ष काफी भयानक है। उन्होंने कहा कि हम जो पाते हैं उससे भूविज्ञानी आमतौर पर बहुत परेशान नहीं होते हैं, लेकिन यह वास्तव में पेरशान करने वाला है। बायरमैन ने

कहा कि यह वास्तव में पहला पुख्ता सबूत है कि ग्रीनलैंड की अधिकांश बर्फ की चादर गर्म होने पर गायब हो गई। 12 फीट जमी हुई मिट्टी में संरक्षित ग्रीनलैंड का अतीत पृथ्वी के लिए एक गर्म, गीला और बड़े पैमाने पर बर्फ मुक्त भविष्य का सुझाव देता है। उनके चौंकाने वाले

निष्कर्ष गुरुवार को साइंस जर्नल में प्रकाशित हुए।

1966 में एकत्र किया गया था मिट्टी का नमूना

ग्रीनलैंड के जिस मिट्टी की जांच की गई, उसे लगभग 60 साल पहले 1966 में एकत्र किया गया था। उस वक्त अमेरिकी सेना ने ग्रीनलैंड के उत्तर-पश्चिम में कैंप सेंचुरी सैन्य अड्डे पर कब्जा कर लिया था। पेंटागन ने बर्फ के नीचे गहरे परमाणु मिसाइल साइलो का एक नेटवर्क

स्थापित करने की योजना बनाई थी, जहां यह माना गया था कि वे सोवियत हमलों से सुरक्षित रहेंगे। लेकिन, धारणा के पीछे के विज्ञान को पलट दिए जाने और डेनिश सरकार द्वारा सहमति देने से इनकार करने के बाद मिलिट्री कैंप को 1967 में छोड़ दिया गया था।

सम्बंधित समाचार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button