देश

कौन हैं दीया कुमारी? जिन्‍हें बनाया गया राजस्‍थान का नया उपमुख्‍यमंत्री, राज परिवार से है संबंध

नई दिल्‍ली. राजस्‍थान के नए सीएम का ऐलान हो गया है. बीजेपी ने नए चेहरे भजनलाल शर्मा को मुख्‍यमंत्री के तौर पर चुना है. दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा राज्‍य के दो नए उपमुख्‍यमंत्री होंगे. मन में यह सवाल उठना लाजमी है कि आखिरी यह दीया कुमारी कौन हैं, जिन्‍हें राज्‍य में इतनी बड़ी जिम्‍मेदारी दी गई है. आइये हम आपको उसके बारे में बताते हैं. दीया कुमारी का संबंध राजस्‍थान के एक राज परिवार से है. उनके दादा मान सिंह-2 जयपुर के अंतिम महाराजा थे. आजादी के बाद इस सामाज्‍य का विलय भारत में हो गया था.

दीया कुमारी जयपुर की विद्याधर नगर सीट से भारतीय जनता पार्टी की विजयी उम्मीदवार हैं. वो दिवंगत महाराजा सवाई भवानी सिंह और महारानी पद्मिनी देवी की बेटी और मान सिंह द्वितीय और महारानी गायत्री देवी की पोती हैं. मुगल सम्राट अकबर के नवरत्नों में जयपुर के महाराजा मान सिंह भी शामिल थे. इसे पहले आमेर और बाद में जयपुर के नाम से जाना गया.

दीया कुमारी ने पति से लिया तलाक
राजस्‍थान की नई उपमुख्‍यमंत्री दीया कुमारी की साल 1994 में नरेन्द्र सिंह से शादी हुई थी. करीब डेढ़ दशक तक यह रिश्‍ता चला. इसके बाद साल 2018 में दोनों ने तलाक ले लिया था. एजुकेशन की बात की जाए तो उन्‍होंने ब्रिटेन जाकर पढ़ाई की हुई है. उन्‍होंने लंदन मेंडेकोरेटिव आर्ट्स में अपनी पढ़ाई पूरी की. साल 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान दीया कुमारी को लगभग 70 प्रतिशत वोटों से राजस्थान के राजसमंद निर्वाचन सीट पर जीत मिली थी. मौजूदा विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी ने उन्‍हें जयपुर की विद्याधर नगर सीट से मैदान में उतारा.

स्‍कूल व होटल की मा‍लकीन हैं दीया कुमारी
राजस्‍थान की नई उपमुख्‍यमंत्री दीया कुमारी किसी आंत्रप्रन्योर से कम नहीं हैं. उनके नाम राजस्‍थान में कई व्यावसायिक उद्यम हैं. वो दो स्कूलों, दो ट्रस्टों और संग्रहालयों, होटलों और गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) का भी नेतृत्व करती हैं. साल 2019 में उन्हें सरकार के राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के सदस्य के रूप में सेवा देने के लिए चुना गया था.

दीया कुमारी का राजनीतिक करियर
राजस्‍थान की नई उपमुख्‍यमंत्री दीया कुमार साल 2013 में पहली बार विधायक बनी. तब उन्‍हें सवाई माधोपुर निर्वाचन क्षेत्र से जीत मिली थी. सवाई माधोपुर शहर की स्थापना 18 वीं शताब्दी में उनके पूर्वज महाराजा सवाई माधो सिंह प्रथम ने की थी. इसके बाद साल 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान उन्‍हें राजस्थान की राजसमंद सीट से लोकसभा जाने का मौका मिला. सांसद होते हुए भी पार्टी ने उन्‍हें राजस्‍थान में 2023 विधानसभा चुनाव में बड़ी जिम्‍मेदारी देने के मकसद से ही उतारा था.

सम्बंधित समाचार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button