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बाइडेन ने जॉर्डन में तीन अमेरिकी सैनिकों की मौत के लिए ईरान समर्थित गुटों को ठहराया जिम्मेदार

वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ईरान समर्थित आतंकवादियों पर उस हमले के पीछे होने का आरोप लगाया है, जिसमें जॉर्डन में तीन अमेरिकी सैनिकों की मौत हो गई और दर्जनों अन्य घायल हो गए। मीडिया ने यह जानकारी दी।

रेडियो फ्री यूरोप/रेडियो लिबर्टी की रिपोर्ट के अनुसार, बाइडेन ने कहा कि सीरियाई सीमा के पास पूर्वोत्तर जॉर्डन में तैनात अमेरिकी बलों पर ड्रोन हमले में तीन अमेरिकी सैनिक मारे गए और कई घायल हो गए।

उन्होंने एक बयान में कहा, “हालांकि हम अभी भी इस हमले के तथ्य जुटा रहे हैं, हम जानते हैं कि इसे सीरिया और इराक में सक्रिय कट्टरपंथी ईरान समर्थित आतंकवादी समूहों द्वारा अंजाम दिया गया।”

बाइडेन ने 28 जनवरी को कहा, “हम आतंकवाद से लड़ने की अपनी प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाएंगे और इसमें कोई संदेह नहीं है कि हम इसके लिए जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराएंगे।”

रेडियो फ्री यूरोप/रेडियो लिबर्टी की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि हमला 27 जनवरी की देर रात को हुआ था। उन्होंने घटना में घायल हुए लोगों की संख्या नहीं बताई, लेकिन एक अमेरिकी अधिकारी ने बाद में कहा कि कम से कम 34 कर्मियों को चोट लगा है।

बाइडेन के मुखर आलोचक, रिपब्लिकन सीनेटर टॉम कॉटन ने कहा, “इन हमलों का एकमात्र जवाब ईरान की आतंकवादी ताकतों के खिलाफ विनाशकारी सैन्य प्रतिशोध होना चाहिए।”

जॉर्डन ने एक सैन्य स्थल पर “आतंकवादी हमले” की निंदा करते हुए कहा कि वह अपनी सीमा सुरक्षा को मजबूत करने के लिए अमेरिका के साथ सहयोग कर रहा है।

इससे पहले, अम्मान में एक सरकारी प्रवक्ता ने दावा किया था कि हमला जॉर्डन की धरती पर नहीं, बल्कि सीमा पार सीरिया में अमेरिकी अड्डे पर था।

गौरतलब है कि जॉर्डन मध्य पूर्व में अमेरिका का करीबी सहयोगी है, पेंटागन ने वहां लगभग 3,000 सैनिकों को तैनात किया है।

अमेरिकी सैनिक हाल के वर्षों में सीरिया में इस्लामिक स्टेट (आईएस) चरमपंथी समूह और अन्य से लड़ने में सक्रिय रहे हैं।

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