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भारत में फिर उठे महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल

नई दिल्ली : विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा है कि भारत और कोरिया दोनों देशों के बीच व्यापक आर्थिक साझेदारी एग्रीमेंट यानि (CEPA)की समीक्षा प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करना चाहिए, जिससे कि इसे फिर से विस्तार दिया जा सके। इसके लिए ये जरूरी है कि बैठकों और संवाद के जरिए दोनों देशों को उस प्वाइंट पर आना होगा जो हमारे दोनों देशों के हित में हो। इस समझौते पर दोनों देशों ने साल 2009 में हस्ताक्षर किए थे और अब इसके विस्तार को लेकर दोनों देशों के बीच बातचीत चल रही है। पिछले दिनों ही दक्षिण कोरिया के भारत में एंबेसडर में चांग जे बोक ने कहा कि था कि इस समझौते को अपग्रेड करने को लेकर बातचीत इसी साल पूरी होने की संभावना है। इस बातचीत का आखिरी दौर बीती जनवरी में ही हुआ था।

दक्षिण कोरिया दौरे पर विदेश मंत्री जयशंकर

कहा जा रहा है कि इस साल दोनों देशों में चुनाव के बाद नई सरकार इस दिशा में आखिरी फैसला लेगी। अपनी कोरिया यात्रा के दौरान कोरिया नेशनल अकेडमी में अपना संबोधन देते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि दोनों देश आधुनिक अर्थव्यवस्थाओं वाले लोकतंत्र हैं। जो कि आतंकवाद जैसी साझी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। अपने भाषण में जयशंकर ने इंडो पैसिफिक क्षेत्र का जिक्र करते हुए कहा कि बीते दशक में जिओ पॉलिटिकल ऑर्डर शिफ्ट हुआ है। उन्होंने कहा कि पहले इस क्षेत्र में अमेरिकी कूटनीति का प्रभाव खासतौर से दिखाई देता था। हालांकि इस बीच अमेरिका की ओर से ही क्वाड को स्थापित करने की इच्छा बताती है कि रणनीतिक लैंडस्कैप में कितना बदलाव हुआ है। जयशंकर ने आगे कहा कि भारत ने हमेशा ही एक्ट ईस्ट और लुक ईस्ट पॉलिसी पर अमल किया है।

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