रामलला प्राण प्रतिष्ठा के लिए 84 सेकंड का शुभ मुहूर्त,खड़गे, सोनिया को मिला प्राण प्रतिष्ठा का न्यौता
नई दिल्ली। अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का शुभ मुहूर्त सिर्फ 84 सेकंड का है। 22 जनवरी 2024 को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा दोपहर 12.29 मिनट 8 सेकंड से मूल मुहूर्त होगा, जो 12.30 मिनट 32 सेकंड तक चलेगा। 84 सेकंड में भी राम लला की एक मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी।
कांग्रेस महासचिव संचार प्रभारी, जयराम रमेश ने जानकारी देते हुए बताया की कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी को 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में राम मंदिर के प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने का निमंत्रण मिला है। निर्णय उचित समय पर लिया जाएगा और सूचित किया जाएगा।
मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियां काफी तेजी से चल रही हैं। अयोध्या में सात दिनों तक वृहद स्तर पर अनुष्ठान प्रक्रिया चलेगा, जिसकी शुरुआत 16 जनवरी से होगी।
22 जनवरी को श्रीरामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा होगी। 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करकमलों से श्रीराम अपने दिव्य-भव्य मंदिर में विराजमान होंगे। कार्यक्रम के मद्देनजर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ निरंतर अयोध्या दौरा कर रहे हैं। 2 दिसंबर व 21 दिसंबर को अयोध्या पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ निरंतर राम मंदिर निर्माण कार्य का अपडेट ले रहे हैं।
इस कार्यक्रम में देश-विदेश से काफी संख्या में आगंतुक उपस्थित रहेंगे। ट्रस्ट द्वारा मिली जानकारी के अनुसार सात दिवसीय अनुष्ठान कार्यक्रम में 16 जनवरी को मंदिर ट्रस्ट की ओर से नियुक्त यजमान द्वारा प्रायश्चित, सरयू नदी के तट पर दशविध स्नान, विष्णु पूजन और गोदान होगा। 17 जनवरी को रामलला की मूर्ति के साथ शोभायात्रा अयोध्या भ्रमण करेगी, मंगल कलश में सरयू का जल लेकर श्रद्धालु मंदिर पहुंचेंगे।
18 जनवरी को गणेश अंबिका पूजन, वरुण पूजन, मातृका पूजन, ब्राह्मण वरण, वास्तु पूजन आदि से विधिवत अनुष्ठान आरंभ होगा। 19 जनवरी को अग्नि स्थापना, नवग्रह स्थापना और हवन फिर 20 जनवरी को मंदिर के गर्भगृह को सरयू के पवित्र जल से धोने के बाद वास्तु शांति और अन्नाधिवास होगा।
21 जनवरी को 125 कलशों से दिव्य स्नान के बाद शैयाधिवास कराया जाएगा। 22 जनवरी को सुबह पूजन के बाद मध्यान्ह काल में मृगशिरा नक्षत्र में रामलला के विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा होगी।