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राम मंदिर के लिए 10 फीट ऊंचा और 400 किलोग्राम वजनी ताला होगा, जानें कैसा होगा स्वरूप

नई दिल्ली: राम भक्तों के लिए राम मंदिर के निर्माण की जा रही है. वहीं इस मंदिर के लिए और भी सभी तैयारियां की जा रही है. उत्तरप्रदेश का अलीगढ़ जिला पुरे विश्व में अपने तालों के लिए मशहूर है. राम मंदिर के लिए ताले का निर्माण यहीं किया जा रहा है. इसके एक अनुभवी बुजुर्ग कारीगर को काम सौंपा गया है. अयोध्या में राम मंदिर के लिए 400 किलोग्राम अर्थात 4 क्विंटल का ताला बनाया जा रहा है. रामभक्तों के लिए रामलला का मंदिर अगले साल जनवरी में शुरू होने की उम्मीद है. राम मंदिर के ताले के राम भक्त सत्यप्रकाश शर्मा को काम सौंपा गया है. कहा जा रहा है कि ये दुनिया का सबसे बड़ा हाथ से बना हुआ ताला होगा.

सदी से काम कर रहे हैं

जानकारी के मुताबिक अलीगढ़ के सत्यप्रकाश शर्मा 4 क्विंटल के इस ताले को 2023 के अंत तक राम मंदिर के अधिकारियों को सौंप सकते हैं. सत्यप्रकाश का कहना है कि उनकी फैमली एक सदी के भी अधिक समय से ताले निर्माण के काम में लगे हुए है. यहीं नहीं वो खुद 45 साल से अधिक समय से अलीगढ़ में ताले बनाने का काम कर रहे हैं. अलीगढ़ को तालों का शहर कहा जाता है.

लोगों के कहने पर बदला स्वरुप

सत्यप्रकाश ने बताया चार फीट चाबी वाला ताला राम मंदिर को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है. यह  4.5 फीट चौड़ा, 10 फीट ऊंचा और 9.5 इंच मोटा है. इस ताले तो जनता के लिए हर साल लगने वाले अलीगढ़ प्रदर्शनी में रखा जाएगा. सत्यप्रकाश ने कहा कि इस काम में उनकी मदद उनकी पत्नी रुकमणी में भी की है. सत्यप्रकाश की पत्नी ने कहा कि पहले प्लान के मुताबिक हम इसे 6 फीट लंबा और 3 फीट चौड़ा बनाने वाले थे लेकिन लोगों के कहने पर हम इसे सबसे बड़ा ताला बना रहे हैं जो वर्तमान स्वरूप है. इस ताले को अब अंतिम रूप दिया जा रहा है और काम तेजी से किया जा रहा है.

अपनी सेविंग लगा दी
सत्यप्रकाश ने कहा कि इस ताले को बनाने के लिए 2 लाख रुपए खर्च किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि ये उनका ड्रीम प्रोजेक्ट है और उसने अपनी सभी सेविंग लगा दी है. उसने कहा कि वो दशकों से इस काम को कर रहा है इसलिए उसे ये काम करने का सोचा.

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