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पक्षियों का होगा संरक्षण, अब सुनाई देगी देशी-विदेशी पक्षियों की चहचहाट

करौली। करौली प्रदेश में पक्षियों के संरक्षण व संवर्धन पर विशेष फोकस किया जाएगा। इसके लिए राज्य के जिलों में पक्षी घर बनाए जाएंगे। पक्षी घर बनाने को लेकर वन विभाग की ओर से कवायद शुरू कर दी गई है। पक्षी घरों में देशी-विदेशी प्रजाति के विभिन्न पक्षियों की चहचहाहट सुनाई देगी। राज्य सरकार की ओर से 50 पक्षी घर बनाए जाने के लिए बजट का भी आवंटन कर दिया गया। प्रत्येक पक्षी घर के लिए 87 लाख रुपए का बजट आवंटित किया गया है। वन विभाग की ओर से पक्षी घरों को तैयार कराने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उम्मीद है कि अगले डेढ़ से दो माह में ये पक्षी घर तैयार हो जाएंगे।

करौली जिले में दो पक्षी घर बनाए जाएंगे। इसके लिए मण्डरायल मार्ग पर नवनिर्मित लवकुश वाटिका और गद्का की चौकी स्थित वन विभाग के समीप स्वर्ण जयंती वाणिकी उद्यान का चयन किया गया है। प्रदेश के बीकानेर, श्रीगंगानगर, चूरू, हनुमानगढ़, कोटा, बारा, बूंदी, झालवाड़, राजसमंद, भीलवाड़ा, अजमेर, टोंक, नागौर, जोधपुर, जालौर, बाड़मेर, सिरोही, पाली, जैसलमेर, भरतपुर, करौली, सवाईमाधोपुर, धौलपुर, अलवर, दौसा, जयपुर, सीकर, झुंझुनूं, उदयपुर, प्रतापगढ़, डूंगरपुर, चित्तौडगढ़, बांसवास जिलों में पक्षी घर बनेंगे। इन जिलों में किसी में एक, तो किसी में दो और कहीं पर तीन पक्षी घरों की स्वीकृति जारी की गई है। राज्य सरकार की ओर से प्रदेश के जिलों में 50 पक्षी घरों के लिए बजट का आवंटन किया है। प्रत्येक पक्षी घर के लिए 87 लाख रुपए आवंटित हुए हैं। करौली में दो पक्षी घर बनाए जाएंगे। इसके लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इनमें देशी-प्रजाति पक्षियों का संरक्षण किया जाएगा। जिन्हें देखने के लिए लोग भी आ सकेंगे।


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