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कम उम्र में दिल की बीमारी का मुख्य कारण बन रहा डिप्रेशन, मानसिक शांति के अपनाए ये तरीके

दुनियाभर में अवसाद (डिप्रेशन) एक मानसिक विकार के तौर पर फैला हुआ है. एक अनुमान के मुताबिक, विश्व स्तर पर 5 फीसदी वयस्क इस विकार से पीड़ित हैं. हाल के अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया है कि जो युवा वयस्क डिप्रेशन का अनुभव करते हैं, उनमें दिल की बीमारी विकसित होने की संभावना अधिक होती है.

जर्नल ऑफ द अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन में प्रकाशित अध्ययन में पाया गया कि जिन युवा वयस्कों ने स्वयं को डिप्रेशन से या उदासी से घिरा पाया, उनमें दिल के दौरे, स्ट्रोक और दिल की बीमारी के खतरे उनके साथियों की तुलना में अधिक था. यह अध्ययन 18 से 49 वर्ष की आयु वालों लोगों के बीच किया गया. इसमें पांच लाख से अधिक लोगों के आंकड़े जुटाए गए. जॉन्स हॉपकिन्स मेडिसिन की प्रोफेसर गरिमा शर्मा ने बताया कि जब व्यक्ति तनावग्रस्त, डिप्रेशन या उदास होते हैं तो उस वक्त दिल की गति और ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है.

डेढ़ गुना अधिक था कार्डियोवैस्कुलर डिजीज
शोधकर्ताओं के मुताबिक, अध्ययन में पांच में से एक वयस्क ने डिप्रेशन की सूचना दी. वहीं जिन्होंने उदास महसूस किया, उनका दिल की बीमारी से गहरा संबंध था. इसके अलावा, जिन प्रतिभागियों ने 13 खराब मानसिक स्वास्थ्य दिनों की सूचना दी थी, उनमें कार्डियोवैस्कुलर डिजीज की संभावना 1.5 गुना अधिक थी.

तीन साल के आंकड़े जुटाकर तैयार किए प्रश्न
शोधकर्ता ने 2017 से 2020 के बीच 5,93,616 वयस्कों के डाटा को एकत्रित किया. इस अध्ययन में कई प्रश्न भी शामिल थे, जैसे क्या उन्हें कभी बताया गया कि वे अवसादग्रस्त विकार में हैं. पिछले महीने कितने दिनों तक खराब मानसिक स्वास्थ्य का अनुभव किया. क्या उन्होंने दिल का दौरा, स्ट्रोक या सीने में दर्द का अनुभव किया और क्या उन्हें दिल की बीमारी के जोखिम वाले कारक थे.

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