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सूरजमुखी की बढ़ेगी MSP, भाकियू नेताओं की होगी रिहाई, किसानों का आंदोलन खत्म करने का ऐलान

चंडीगढ़. सूरजमुखी की फसल के लिए एमएसपी की मांग को लेकर हरियाणा सरकार के खिलाफ आंदोलनरत किसानों ने अपना आंदोलन वापस ले लिया है. किसानों ने दिल्ली जाने वाली नेशनल हाईवे को भी खाली करने का ऐलान किया है. सरकार ने किसान नेताओं को रिहा करने की मांग को मानने के साथ ही एमएसपी बढ़ाने की मांग को भी मान लिया है. एक महीना से किसान आंदोलित थे.

6 जून को आंदोलित किसानों पर लाठीचार्ज के बाद पिपली गांव में किसानों ने महापंचायत कर बड़ा आंदोलन शुरू कर दिया था. इस महापंचायत में कई प्रदेशों के किसान शामिल हुए थे. भाकियू नेता राकेश टिकैत के साथ पहलवान बजरंग पूनिया भी समर्थन में पहुंचे थे. किसान, मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर सरकार द्वारा घोषित राहत से संतुष्ट नहीं हैं. कुरुक्षेत्र के पिपली गांव में एक महापंचायत करने के बाद किसानों ने नेशनल हाईवे 44 को जाम कर दिया.

किसानों की एमएसपी के अलावा अपने नेताओं की रिहाई की कर रहे थे मांग

सूरजमुखी उगाने वाले किसान मांग कर रहे थे कि राज्य सरकार सूरजमुखी को 6,400 रुपये प्रति क्विंटल के एमएसपी पर खरीदे. इसके अलावा किसान अपने नेताओं की रिहाई के लिए भी सरकार से डिमांड कर रहे थे. दरअसल, भारतीय किसान यूनियन (चरूनी) के प्रमुख गुरनाम सिंह चढूनी के नेतृत्व में किसानों ने 6 जून को शाहाबाद के पास राष्ट्रीय राजमार्ग को छह घंटे से अधिक समय तक जाम कर दिया था. ये लोग सूरजमुखी की फसल की एमएसपी और बीज के लिए एमएसपी पर खरीदी की मांग कर रहे थे. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल किया. किसानों के कब्जे से नेशनल हाईवे को मुक्त कराने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया. साथ ही भाकियू (चरुनी गुट) के 9 नेताओं अरेस्ट कर लिया. इन नेताओं पर दंगा और गैर कानूनी सभा करने सहित कई गंभीर धाराओं में केस किया गया था. इन नेताओं की रिहाई की मांग पर भी किसान अड़े थे.

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