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सरकारी अस्पतालों में बढेगा मरीजों के खाने का बजट

भोपाल । प्रदेश के सभी सरकारी मेडिकल कालेजों से संबद्ध अस्पतालों में मरीजों के प्रतिदिन खाने का बजट बढाने की तैयारी चल रही है। प्रस्ताव में अलग-अलग बीमारी वाले रोगियों के लिए अलग-अलग मेन्यू तैयार किया जा रहा है। मरीजों के भोजन के खर्च को अब 48 रुपये से बढ़ाकर डेढ़ सौ रुपये करने का प्रस्ताव है।  पांच वर्ष बाद रोगियों के खाने के बजट में बढ़ोतरी की तैयारी है। 2018 में आठ रुपये बढ़ाकर राशि 48 रुपये कर दी गई थी। इसके पहले वर्ष 2014 में बजट 30 रुपये प्रतिदिन से बढ़ाकर 40 रुपये किया गया था। नौ वर्ष में महंगाई लगभग दोगुनी हो गई है पर खाने का बजट प्रतिदिन मात्र आठ रुपये बढ़ाया गया। बजट कम होने के कारण रोगियों को गुणवत्तायुक्त भोजन नहीं मिल पा रहा है। साथ ही मापदंड के अनुसार फल और दूध भी नहीं मिल पाता। दिनभर के लिए मिलने वाले 48 रुपये की राशि में सुबह-शाम 250-250 एमएल दूध और फल के अतिरिक्त भोजन दिया जाना है। इसमें चावल-दाल, रोटी-सब्जी शामिल है। अस्पतालों के अधीक्षक लंबे समय से खाने का बजट बढ़ाने की मांग कर रहे थे। इस कारण चिकित्सा शिक्षा संचालनालय ने पिछले माह सभी अस्पतालों से प्रस्ताव मांगा था। अस्पताल अधीक्षकों ने बजट डेढ़ सौ रुपये से लेकर तीन सौ रुपये तक करने का प्रस्ताव दिया है। चिकित्सा शिक्षा संचालनालय इसे डेढ़ सौ रुपये प्रतिदिन करने की तैयारी में है। एम्स में डेढ़ सौ रुपये में दो बार नाश्ता और भोजन दिया जाता है। कोरोना संक्रमण काल में हमीदिया अस्पताल में भी रोगियों के नाश्ते और भोजन पर 300 रुपये खर्च किया जा रहा था।शहर के दो बड़े अस्पताल हमीदिया और एम्स हैं पर दोनों जगह रोगियों को मिलने वाले भोजन की गुणवत्ता में बहुत अंतर है। इसकी वजह यह कि हमीदिया में 48 रुपये में सुबह-शाम का नाश्ता, दोपहर और रात का भोजन दिया जाता है।

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