MP: मैं जानता हूं गरीब की भूखे रहने की तकलीफ क्या होती है, उसका स्वाभिमान कैसा होता है-पीएम मोदी
भोपाल/सागर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 अगस्त को सागर पहुंचे. उन्होंने यहां संत रविदास मंदिर का शिलान्यास और भूमिपूजन किया. इसके बाद वे सभा स्थल पहुंचे. यहां संत रविदास के वंदन के साथ कार्यक्रम शुरू हुआ. पीएम मोदी ने संत रविदास को श्रद्धांजलि दी. उनके साथ राज्यपाल मंगूभाई पटेल और सीएम शिवराज सिंह चौहान भी थे. राज्यपाल पटेल और सीएम शिवराज ने पीएम मोदी का पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया. पीएम मोदी को यहां संत रविदास मंदिर की प्रतिकृति भेंट की गई. सीएम शिवराज ने संत रविदास की जीवनी भी पीएम मोदी को भेंट की. इसके बाद पीएम मोदी ने प्रदेश को चार हजार करोड़ रुपये की सौगात दी.
इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि जिन्होंने दशकों तक सरकारें चलाईं उन्होंने जनता को पीना का पानी देना भी जरूरी नहीं समझा. आज हमारी सरकार ये काम कर रही है. आदिवासी क्षेत्रों में पाइप से पानी पहुंच रहा है. हमारी सरकार हर जिले में अमृत सरोवर बना रही है. ये सामाजिक समरसता का केंद्र बनेंगे. हमारी सरकार सभी को उचित अवसर दे रही है. एक से एक महान विभूतियां इस समाज से निकलकर आई हैं. पीएम ने कहा कि मैं जानता हूं भूखे रहने की तकलीफ क्या होती है. मैं जानता हूं गरीब का स्वाभिमान कैसा होता है. इसलिए हमने पीएम गरीब कल्याण योजना शुरू की. 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को मुफ्त राशन देना शुरू किया. हमारे प्रयासों की तारीफ पूरी दुनिया में हो रही है. आज देश गरीब कल्याण की जितनी भी योजना चला रहा है. उसका फायदा सभी पिछड़ी जातियों को हो रहा है. पहले की सरकारों की योजना चुनाव को देखते हुए आती थीं.
संत रविदास ने समाज को जागरूक किया- पीएम मोदी
कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि आज मैंने संत रविदास जी मंदिर का भूमि पूजन किया है. एक डेढ़ साल बाद में लोकार्पण करने भी आऊंगा. इसका मुझे पूरा विश्वास है. यहां से सामाजिक समरसता के नए युग की शुरुआत हुई है. इस मंदिर की ऐसे समय में नींव पड़ी है जब देश ने आजादी के 75 वर्ष पूरे किए हैं. अगले 25 वर्षों तक अमृत काल हमारे सामने है. इस दौरान हमारी जिम्मेदारी है कि अपनी विरासत को आगे बढ़ाएं, अतीत से सबक लें. एक राष्ट्र के रूप में हमने हजारों सालों की यात्रा की है. इतने लंबे समय में समाज में बुराई आना स्वाभाविक है. यह भारतीय समाज की शक्ति है कि इन बुराइयों को खत्म करने के लिए संत धरती पर आते रहे हैं. संत रविदास ऐसे ही संत थे. उन्होंने तब जन्म लिया था जब मुगलों का शासन था. उस समय समाज उत्पीड़न से जूझ रहा था. वे समाज को बुराइयों से लड़ना सिखा रहे थे. उन्होंने कहा था पराधीनता पाप है.