मध्यप्रदेश में शिव ‘राज ‘खत्म ! जीत मिलने पर कौन बनेगा C M ?
मध्यप्रदेश विधान सभा चुनाव को लेकर इस बार बीजेपी ने कुछ ऐसी रणनीति बनाई है, जिसे समझना आसान नहीं है। जिस तरह से टिकटों का बंटवारा हो रहा है, उसे देखकर एक बात आसानी से समझ में आ रही है कि टिकट बंटवारे में इस समय बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व पूरी तरह से हावी है।
विधान सभा चुनाव में तीन केंद्रीय मंत्रियों समेत सात सांसदों को टिकट देना कहीं ना कहीं यह दर्शाता है कि अब शायद मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान राज खतम होने वाला है। अगर बीजेपी की इस बार मध्यप्रदेश में जीत होती है तो यह मान लेना चाहिए कि शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठने वाले हैं। ऐसे में सवाल यह पैदा होता है कि फिर बीजेपी किसे मुख्यमंत्री बनाएगी, और शिवराज सिंह चौहान का क्या होगा ? आज हम अपने इस लेख जरिए यही बताने की कोशिश करेंगे कि आखिर बीजेपी शिवराज सिंह चौहान से किनारा क्यों करना चाहती है? मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने अब तक दो सूचियां जारी कर दी हैं।
पहली सूचि में जहां 39 उम्मीदवारों के नाम थे, वहीं दूसरी सूचि में 40 उम्मीदवारों के नाम हैं। मजे की बात यह है कि इन दोनों सूचियों में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का नाम नहीं है। जबकि बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ,प्रह्लाद सिंह पटेल और फग्गन सिंह कुलस्ते समेत सात सांसदों के नाम उन सुचियों में शामिल कर लिया है। जिस तरह से तीन केंद्रीय मंत्रियों समेत सात सांसदों को टिकट दिए गए हैं, उसे देखकर एक बात बड़ी आसानी से समझी जा सकती है कि मध्यप्रदेश में अब ऐसे नेताओं की कमी हो गई है, जो विधानसभा का चुनाव जीतने की क्षमता रखते हों। यानि धरातल पर मध्यप्रदेश में स्थानीय नेताओं की कमी हो गई है। हालांकि जिन सांसदों और मंत्रियों को टिकट दिए गए हैं, उनमें से अधिकांश नेता वहां की स्थानीय राजनीति में कभी खूब सक्रिय रहा करते थे, लेकिन जब यही नेता सांसद बनकर दिल्ली पहुँच गए तो उनकी जगह कोई ऐसा नेता नहीं उभर पाया जो प्रदेश की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सके।