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आचार संहिता लगते ही आयोग एक्शन मोड में, बोला कड़ाई से हो पालन

जबलपुर ।  निर्वाचन आयोग की ओर से आचार संहिता की घोषणा किए जाते ही प्रशासन और पुलिस- दोनों एक्शन मोड में आ गए हैं। जिला निर्वाचन अधिकारी एवं कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन ने मीडिया से चर्चा के दौरान अधिनस्थ अमले को आयोग के निर्देशों के अनुकूल ही काम करने की सख्त हिदायत दी है। उन्होंने कहा कि जिले में जहां भी राजनीतिक गतिविधियों एवं शासन की योजनाओं से संबंधित बैनर पोस्टर लगे हैं, उन्हें तत्काल हटाया जाए। पुलिस कप्तान टीके विद्यार्थी ने भी लोगों को आगाह किया है कि वे आचार संहिता का पालन करें। आयोग के निर्देशों का उल्लंघन करते पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

आवेदन फार्म भरने का सिलसिला प्रारंभ हो जाएगा

जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि 21 अक्टूबर को गजट नोटीफिकेशन जारी होने के साथ ही आवेदन फार्म भरने का सिलसिला प्रारंभ हो जाएगा, जो 30 अक्टूबर तक चलेगा। नामांकन पत्र जमा कराने के लिए आठों विधानसभा क्षेत्रों के अलग-अलग आरओ (रिटर्निंग आफीसर) कक्ष बनाए जाएंगे। ये आरओ अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों से प्रत्याशियों के आवेदन फार्म जमा कराएंगे। उन्होंने बताया कि चुनाव के मद्देनजर मैदानी कार्रवाई पूर्ण कर ली गई है। चुनाव प्रक्रिया में करीब 12 हजार अधिकारी-कर्मचारी नियोजित किए जा रहे हैं। निर्वाचन संबंधी व्यय के लिए भी टीम का गठन कर दिया गया है।

इनको बनाया आरओ

जिला निर्वाचन अधिकारी ने जबलपुर उत्तर के लिए पुष्पेंद्र अहाके, पूर्व के लिए अनुराग सिंह, पश्चिम के लिए पंकज मिश्रा और कैंट के लिए कुलदीप पाराशर को आरओ बनाया गया है। इसी प्रकार से पाटन के लिए मानवेंद्र सिंह राजपूत, बरगी के लिए अभिषेक सिंह ठाकुर, पनागर के लिए पीके सेनगुप्ता और सिहोरा के लिए धीरेंद्र सिंह को रिटर्निंग आफीसर बनाया गया है। ये सभी कलेक्टर कार्यालय में ही बैठेंगे।

जेएनकेवि में होगी काउंटिंग

जिला निर्वाचन अधिकारी ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए बताया कि इस बार मतगणना के लिए जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय को मतगणना स्थल बनाने का प्रस्ताव चुनाव आयोग को भेजा गया है। आयोग से अनुशंसा आना शेष है। उन्होंने यह भी बताया जगह की कमी के चलते चुनाव सामग्री का वितरण भी वहीं से किया जाएगा।

होगी संपत्ति विरूपण की कार्रवाई

शासकीय भवनों से राजनीतिक प्रचार-प्रसार से संबंधित सामग्री को हटाने के लिए आचार संहिता लगने के बाद से 24 घंटे का समय दिया गया है। इसी प्रकार से सार्वजनिक स्थलों से ये सामग्री 48 घंटे के भीतर हटाई जाएंगी, जबकि निजी सम्पत्तियों से इन्हें हटाने के लिए 72 घंटों की मियाद तय की गई है।

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