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लोकसभा चुनाव-2024 : दूसरे चरण की 13 सीटों पर 2019 के मुकाबले कोटा-बाड़मेर को छोड़ सभी जगह घटा वोटिंग परसेंटेज

सैयद हबीब, जयपुर। पहले चरण में कम मतदान के बाद बीजेपी ने वोटिंग बढ़ाने की भरपूर कोशिश की। सफलता मिली, लेकिन ज्यादातर सीटों पर 2019 के मतदान को पार नहीं कर पाई। दूसरे चरण में राज्य की 13 सीटों पर हुए मतदान में कोटा व बाड़मेर सीट पर पिछली बार के मुकाबले मामूली बढ़ोतरी हुई है। इसके बावजूद विश्लेषक मान रहे हैं कि बीजेपी को 20 से अधिक सीटें मिल सकती हैं और कांग्रेस 3 से 4 सीटें निकालने पर कामयाब हो सकती है। हालांकि कुछ विश्लेषक मान रहे हैं कि राजस्थान में हवा रुख बदलता हुआ दिखाई दे रहा है।

जो विश्लेषक बीजेपी को 20 से अधिक सीटें दे रहे हैं, उनका मानना है कि पिछले दो लोकसभा चुनावों में जिस तरह से बीजेपी ने क्लिन स्विप किया था और जितने वोट मिले थे, उनमें कमी हो सकती है, बीजेपी को जीत को नहीं बदल सकती है। वहीं जो लोग बीजेपी को 15 से 18 सीटें दे रहे हैं, उनका तर्क है कि 2014 व 2019 के चुनावों में बात बिल्कुल अलग थी। पहले दस साल की एंटीइन्कंबेंसी का असर था और इसके बाद पुलवामा अटैक ने राजस्थान की जनता पर गहरा असर डाला था।

इस कारण वोट डायवर्ट हुए थे। बीजेपी को 10 प्रतिशत से 45 प्रतिशत तक विपक्ष से अधिक वोट मिले थे। इस बार एंटी इंन्कंबेंसी बीजेपी के खिलाफ दिखाई देती है। उनके पक्ष में राममंदिर और धारा 370 के मुद्दे है तो दूसरी ओर महंगाई और बेरोजगारी भी बड़े मुद्दे हैं।
दूसर चरण की 13 सीटों पर नजर डाली जाए तो अजमेर में 6.89, पाली में 7.59, जोधपुर में 5.0, जालोर सिरोही में 3.8, उदयपुर में 3.64, बांसवाड़ा में 0.22, चित्तौड़गढ़ में 4.08, राजसमंद में 6.41, भीलवाड़ा में 5.17, झालावाड़ में 2.93 प्रतिशत मतदान कम हुआ है। कोटा में 1.20 और बाड़मेर में 0.93 प्रतिशत मतदान में बढ़ोतरी हुई है।

इस विश्लेषण से यह तो तय है कि बीजेपी राजस्थान में पिछले दो लोकसभा चुनावों की तरह इस बार 25 सीटें नहीं जीत रही हैं। दूसरा पिछले चुनावों में जो लीड भाजपा प्रत्याशियों को मिली थी, वो लीड आधी भी नहीं रह पाएगी।

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