तुलसी विवाह की तैयारी कर रहे हैं तो पूजा में जरूर शामिल करें ये चीजें
हिंदू धर्म में प्रत्येक शुभ कार्य दिन व मुहूर्त देखकर किए जो हैं और इसमें शादी-विवाह के मुहूर्त सबसे महत्वपूर्ण होते हैं. हिंदी कैलेंडर के अनुसार साल के कुछ महीने ऐसे होते हैं जिस दौरान शादी-विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन आदि जैसे मांगलिक कार्य नहीं किए जाते. क्योंकि उस समय भगवान विष्णु योग निद्रा में होते हैं और जब वह जागते हैं तब शुभ कार्यों की शुरुआत होती है. (Dev Uthani Ekadashi 2023) कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन सोए देव जागते हैं और इसे देवउठनी एकादशी कहा जाता है. इसके बाद तुलसी विवाह होता है और हिंदू धर्म में इसका विशेष महत्व है. इस साल देवउठनी एकादशी 23 नवंबर और तुलसी विवाह 24 नवंबर को है. तुलसी विवाह के दिन माता तुलसी का शालीग्राम के साथ विवाह किया जाता है जो कि भगवान विष्णु का ही स्वरूप हैं. आइए जानते हैं तुलसी में उपयोग होने वाली पूजा सामग्री और पूजा की विधि के बारे में.
तुलसी विवाह पूजा सामग्री
तुलसी विवाह के लिए तुलसी का पौधा एक चौकी पर आंगन के बीचो-बीच रखा जाता है. तुलसी जी को महंदी, मौली धागा, फूल, चंदन, सिंदूर, सुहाग के सामान की चीजें, चावल, मिठाई आदि पूजन सामग्री के रूप में रखे जाते हैं. इसके बाद घर की महिलाएं विधि-विधान से तुलसी का पूजन करती हैं और उन्हें लाल चुनरी पहनाती हैं.
तुलसी को अर्पित करें ये चीजें
तुलसी पूजा के दौरान माता तुलसी को में मूली, शकरकंद, सिंघाड़ा, आंवला, बेर, मूली, सीताफल, अमरुद और अन्य ऋतु फल चढाएं जाते हैं. ऐसा करना बहुत ही शुभ माना गया है. तुलसी विवाह के दिन पूजा स्थल में गन्नों से मंडप सजाया जाता है. उसके नीचे भगवान विष्णु की प्रतिमा विराजमान कर मंत्रों से भगवान विष्णु को जगाने के लिए पूजा की जाती है.
तुलसी विवाह कथा
कथा के अनुसार, एक बार तुलसी ने विष्णु जी गुस्से में आकर शाप दे दिया था जिसके चलते वो पत्थर बन गए थे. इस शाप से मुक्त होने के लिए विष्णु जी ने शालिग्राम का अवतार लिया. इसके बाद उन्होंने माता तुलसी से विवाह किया. ऐसा कहा जाता है कि मां लक्ष्मी का अवतार माता तुलसी हैं. कई जगहों पर द्वादशी के दिन तुलसी विवाह किया जाता है.
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