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भारत में निवेश का अर्थ समावेश, लोकतंत्र और सुरक्षित धरती के बारे में है : PM मोदी

बेंगलुरू । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘बिल्ड फॉर द वर्ल्ड’ विषय के तहत तीन दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट (जीआईएम) ‘इन्वेस्ट कर्नाटक’ का बुधवार को उद्घाटन किया। पीएम मोदी ने निवेशकों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत में निवेश का मतलब समावेशी निवेश से है। जब वे निवेश करते हैं, तो इसका अर्थ है कि वह लोकतंत्र में निवेश कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि भारत में निवेश एक बेहतर, स्वच्छ और सुरक्षित धरती के लिए निवेश के बारे में है। उन्होंने कहा, “आइए हम सभी करोड़ों लोगों की जिंदगी बदलने के लिए आगे आएं।”

उन्होंने कहा, “जीआईएम का संगठन सांकेतिक है। प्रतिस्पर्धी और सहकारी संघवाद का एक उदाहरण है। राज्यों के पास अन्य देशों के साथ विनिर्माण और उत्पादन के संबंध में नीति हो सकती है। राज्य अन्य देशों के साथ भी साझेदारी कर रहे हैं। भारत को आगे बढ़ना है तो राज्यों का विकास जरूरी है।”

पीएम मोदी ने कहा, “भारत को प्रगति करनी है। मुझे बताया गया है कि जीआईएम में हजारों साझेदारियां बनाई जाएंगी, जिससे रोजगार के अवसर पैदा होंगे। ऐसे समय में जब दुनिया कोविड महामारी और युद्ध के प्रभाव से गुजर रही है, भारतीय अर्थव्यवस्था फल-फूल रही है और आकर्षित कर रही है। इसकी अर्थव्यवस्था के मूल सिद्धांतों के रूप में निवेश मजबूत है।”

उन्होंने कहा, “यह वैश्विक संकट का समय है। हालांकि, अर्थशास्त्री और विशेषज्ञ का कहना हैं कि भारत एक बेहतर स्थिति में है। हम अर्थव्यवस्था के बुनियादी सिद्धांतों पर काम कर रहे हैं और इसे दिन-ब-दिन मजबूत हो रहे हैं।”

उन्होंने जोर देकर कहा कि केंद्र और राज्य में एक डबल इंजन सरकार ने कर्नाटक के कल्याण को सुनिश्चित किया है। राज्य और केंद्र में एक पार्टी के शासन ने इसके विकास में योगदान दिया है। व्यापार करने में आसानी के मामले में राज्य शीर्ष रैंकिंग पर है। राज्य प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सूची में सबसे ऊपर है। 500 फॉर्च्यून कंपनियों में से 400 कर्नाटक से हैं।

उन्होंने कहा कि देश के 100 से अधिक यूनिकॉर्न्‍स में से 40 से अधिक कर्नाटक से हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कर्नाटक ने विनिर्माण क्षेत्र में भी प्रवेश किया है। चिप निर्माण के लिए टैक्स इको सिस्टम राज्य को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।

जब भी तकनीक से जुड़े मुद्दों और प्रौद्योगिकी के बारे में बात होती है, तो सबसे पहले नाम जो दिमाग में आता है वह बेंगलुरु है। न केवल देश में, बल्कि ब्रांड बेंगलुरु ने खुद को वैश्विक स्तर पर स्थापित किया है।

उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि कर्नाटक न केवल देश के अन्य राज्यों के साथ प्रतिस्पर्धा कर रहा है, बल्कि यह अन्य देशों के साथ-साथ अर्थव्यवस्था के विकास मामले में भी चुनौती दे रहा है।

मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, केंद्रीय कोयला, खान और संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी, केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल, केंद्रीय कौशल विकास और उद्यमिता और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर भी कार्यक्रम में शामिल हुए।

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